खुदाई में गेंद के आकार की गोल धातु मिली, लोगों में लूट मची
सागर। सागर में लाखा बंजारा झील की खुदाई का काम चल रहा है। खुदाई के दौरान तालाब में गेंद के आकार की गोलाकार धातु निकली है। उक्त गोल धातु निकलने की सूचना मिलते ही आसपास के लोगों ने तालाब में खुदाई शुरू कर दी। बोरियों में भरकर लोग उक्त धातु को ले जाने लगे। मामले की सूचना मिलते ही कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को तालाब से बाहर किया। पुलिस ने मौके से गोलाकार लोहे की धातु जब्त की है। चर्चा है कि उक्त गोलाकार धातु बिटिश शासनकाल में तोपों में उपयोग हुआ करती थी। प्रशासन उक्त धातु की विशेषज्ञों से जांच करा रहा है।
दरअसल, सागर बस स्टैंड के पास स्थित लाखा बंजारा झील (तालाब) का निर्माण कार्य चल रहा है। तालाब में खुदाई की जा रही है। सागर में किवदंती है कि तालाब में सोने का झूला और काफी संपदा है। लेकिन अब तक की खुदाई में तालाब में कोई भी कीमती संपदा नहीं मिली है। मगर पिछले दो दिनों से चकराघाट के पास तालाब की खुदाई में गोलाकार धातु निकल रही है। मामले की सूचना मिलते ही लोगों ने तालाब में खुदाई शुरू कर दी। लोगों ने तालाब में करीब 5-5 फीट तक गड्?ढे खोदे और गोलाकार धातु निकलकर ले गए।
गोले का वजन करीब 200 ग्राम, तालाब पर लगाया पुलिस का पहरा
मामले की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने तालाब से उक्त धातु के गोले जब्त किए हैं। वहीं सुरक्षा के लिहाज से तालाब पर पुलिस बल तैनात किया है। लोगों को तालाब से उक्त गोले की खुदाई नहीं करने की समझाइश दी गई है। तालाब से निकले गोले गेंद के आकार के हैं। कुछ छोटे तो कुछ बड़े हैं। इनका वजन करीब 200 ग्राम है। प्रशासन उक्त गोलों की जांच विशेषज्ञों से करा रहा है। साथ ही एफएसएल की टीम भी जांच कर रही है। कोतवाली थाना प्रभारी मानस द्विवेदी ने बताया कि सूचना मिलते ही तालाब पर पहुंचकर लोहे के कई आकार के टुकड़ों को जब्त किया है। मामले की सूचना आर्कोलॉजी डिपार्टमेंट को दी है। जांच के बाद ही उक्त गोलों के संबंध में कुछ कहा जा सकेगा। तालाब में सुरक्षा के लिहाज से बल तैनात किया गया है।
गोले बिटिश शासनकाल के होने का अनुमान
डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के भूगर्भ शास्त्री प्रो. आरके त्रिवेदी ने बताया कि इन गोलों पर आयरन की कास्टिंग दिख रही है। बिटिश शासनकाल में यह गोले तोपों में उपयोग होते होंगे। क्योंकि बिटिशकाल में ढलवां लोहे से इसी तरह की कास्टिंग की जाती थी। हालांकि तालाब से निकले गोलों की जांच के बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकता है।
सागर
तालाब ने उगले बिटिशकालीन तोप के गोले!
- 21 May 2022