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तालिबान के कब्जे से खौफजदा अफगानी नागरिक बोले- भारत में ताउम्र जेल में रह लेंगे

  • 17 Aug 2021

नई दिल्ली। तालिबान के कब्जे से खौफजदा अफगानी नागरिक दिल्ली में नई जिंदगी की तलाश में हैं। अफगानिस्तान के बिगड़े हालात के बीच वह वापस अपने वतन लौटने को तैयार नहीं हैं। अवैध तरीके से भारत में रहने के लिए वह जेल तक जाने को तैयार हैं। हालांकि, हिंसाग्रस्त अफगानिस्तान में रह रहे अपने घर-परिवार और रिश्तेदारों की खैरियत की फिक्र भी उनको सता रही है। अफगान नागरिकों ने भारत सरकार से गुहार लगाई है कि तालिबान के शिकंजे में फंसे अफगान नागरिकों (रिश्तेदारों) को महफूज जगह पहुंचाने का इंतजाम किया जाए।
नई दिल्ली के लाजपत नगर स्थित कस्तूरबा कॉलोनी की गलियों में इन दिनों सुबह से अफगानिस्तान से पलायन करने वालों का तांता लगा है। खाने पीने और फलों की दुकानें पर अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर चर्चा के बीच रात बिताने के लिए कमरे की तलाश में जुटे रहे हैं। दवाई लेने के लिए केमिस्ट शॉप पर भी लोगों की भीड़ दिखी लेकिन तालिबान का जेहन में इतना खौफ था कि अधिकतर लोग कैमरे से दूरी बनाते नजर आए।
काबुल से इलाज के सिलसिले में 10 दिन पहले पहुंचे इमरान वजाहद ने देश में तालिबान के कब्जे को इंसानियत पर चोट करार दिया। मौजूदा हालात से लोग इस कदर डर गए हैं कि जिस देश में महफूज जगह मिली, वहां से लौटना नहीं चाहते। बकौल इमरान, वतन नहीं लौटेंगे, चाहे पूरी उम्र भारतीय जेल में क्यों न रहना पड़े। अभी थोड़ी राहत यह है कि तीन महीने की वीजा अवधि का ढाई महीना बचा हुआ है। संभव है कि इस बीच हालात में सुधार आ जाए।
दूसरी तरफ पत्नी के इलाज के लिए भारत आए जमराई ने बताया कि अपने साथ परिवार के सभी सदस्यों को लेकर आए हैं। सरकारी नौकरी में रहने के बाद जमराई पर तालिबान से इस कदर खौफजदा हैं कि अब लौटना नहीं चाहते। 
एहसानुल्लाह को भी चिंता इस बात कि है कि अब वहां जाकर भी क्या करेंगे। न तो कोई कारोबार और न ही घर में सुरक्षित हैं, ऐसे में देश से पलायन ही अफगानिस्तानी नागरिकों के लिए एकमात्र रास्ता है।