नई दिल्ली. देश में कोरोना की तीसरी लहर की चिंता के साथ महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित मरीजों के मिलने से अफरा-तफरी मच गई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स, नई दिल्ली) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने रविवार को बताया कि वायरस का डेल्टा प्लस वैरिेएंट रूप बी1.617.2 का आक्रामक रूप है। संभव है कि यह इम्युनिटी को आसानी से धोखा दे सकता है।
डॉक्टर गुलेरिया ने बताया कि भारत में वायरस के417एन नाम के साथ एक और म्यूटेशन कर रहा है। ब्रिटेन में कोरोना का डेल्टा वैरिएंट तेजी के साथ बढ़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे अभी वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (वीओआई) की श्रेणी में रखा है। हालांकि वायरस का यह रूप समय के साथ आक्रामक हुआ तो इसे भी वैरिएंट ऑफ कन्सर्न की श्रेणी में रखना होगा।
दूसरी लहर की धीमी गति के बीच कोविड का पालन नहीं किया गया तो भारत में वायरस का यह रूप आक्रामक तरीके से फैल सकता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में वायरस के बयान खतरे से बचने के लिए वायरस के स्पाइक पर नजर रखनी होगी। जीनोम सीक्वेंसिंग पर जोर देना होगा ताकि पता चले कि डेल्टा की क्या स्थिति है और इसका क्या प्रभाव पड़ रहा है।
डेल्टा प्लस के 7 मामले मिले
महाराष्ट्र डायरेक्टरेट आफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के निदेशक डॉक्टर टीपी लहाणे ने बताया कि नवी मुंबई, पालघर और रत्नागिरी में डेल्टा प्लस के कुल 7 मामले मिले हैं। सभी सैंपल की जांच की जा रही है जिससे स्थिति स्पष्ट हो सके। इन क्षेत्रों से कुछ और सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं जिससे पता चलेगा कि वायरस का यह रूप चल रहा है या सीमित है।
डेल्टा प्लस वैरिएंट खतरनाक क्यों
वायरस का डेल्टा रूप बी1.617 वैरिएंट अत्यधिक संक्रामक था। इसका स्पाइक प्रोटीन वायरस को मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने में मदद करता है अब के417एन म्यूटेशन वाला वायरस पुराने वायरस की तुलना में मानव के रोग प्रतिरोधक तंत्र को आसानी से धोखा दे सकता है। इस वजह से कह सकते हैं कि यह वैक्सीन और किसी भी ड्रग थैरेपी के लिए भी चुनौती खड़ी कर सकता है।
credit- अमर उजाला
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तीसरी लहर की चिंता : महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित मरीजों के मिलने से अफरा-तफरी मची
- 21 Jun 2021