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इंदौर

तीसरी लहर की तैयारियों के बीच विसंगति, 210 एनएचएम स्टाफ को निकाला, सिर्फ 20 स्टाफ नर्सेस की अस्थाई नियुक्ति को मिली मंजूरी

  • 30 Jun 2021

इंदौर।  कोरोना की पहली और दूसरी लहर में अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवा करने वाली नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की 210 नर्सों की सेवाएं 30 जून के बाद समाप्त कर दी गई है। तीसरी लहर के लिए सिर्फ 20 नर्सों को 3 महीने की अस्थाई नियुक्ति पर रखा गया है। इसे लेकर नर्सों में आक्रोश है।
दरअसल कोरोना काल के शुरू से ही एनएचएम द्वारा 230 नर्सों (मेल नर्स भी) की अस्थाई नियुक्तियां की गई थी। इस तरह हर 89 दिनों बाद इनकी सेवाएं बढ़ाई गई। चूंकि अब जून में संक्रमण एकदम कम हो गया है, इसके चलते एनएचएम द्वारा जिले में तीसरी लहर की आशंका के मद्देजर हर जिले से प्रस्ताव मांगा गया था कि ऐसे में अब कितने डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ की जरूरत होगी। मामले में एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित की ओर से 200 नर्सों की नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा गया था। 28 जून को एनएचएम ने इनमें से 20 स्टाफ नर्सों की अस्थाई नियुक्ति को ही मंजूरी दी है।
कुछ की संक्रमित होने के बाद जान चली गई
इसके पूर्व ये नर्सें सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, एमटीएच, एमआरटीबी व न्यू सेंटर में सेवाएं दे रही थी। इनका कहना है कि उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवाएं की। एक समय ऐसा भी आया जब संक्रमण चरम पर होने स्थाई स्टाफ लम्बी छुट्?टी पर चला गया था और उन्होंने ही काम किया। इस दौरान वे और उनके परिजन भी संक्रमित हो गए और कुछ की जान भी चली गई। ऐसे में उनके परिजन को भी राहत राशि का प्रावधान नहीं और अब हमारी सेवाएं समाप्त कर अन्याय किया गया।
इधर स्टाफ कम कर दिया
एनएचएम ने इस पद के अलावा अन्य पदों की भी संख्या कम की है। इनमें अब 6 पीजीएमओ, 20 वार्डबॉय, 20 हॉउस कीपिंग, 17 एलटी, 5 वैज्ञानिक, 1 ओटी टेक्नीशियन, 8 रेडियोग्राफर, 15 डाटा इंद्री ऑपरेटर्स आदि की अस्थाई नियुक्ति को मंजूरी दी है। अहम यह कि मंगलवार को ही तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर पीसी सेठी अस्पताल व हुकुमचंद पॉलीक्लिनिक में अधिकारियों ने दौरा किया और इन्हें कोरोना मरीजों के लिए तैयार करने को कहा। अब ऐसे मेें स्टाफ की भी जरूरत होगी लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि वर्तमान में सरकारी कोविड अस्पतालों में सिर्फ दो कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हैं। कुछ समय पहले ही शासन ने 240 स्थाई स्टाफ नर्सों की नियुक्तियां भी की हैं। एनएचएम का मामला भोपाल संबंधी है।