कांग्रेस के छात्र नेताओं द्वारा विरोध,कहा कार्य परिषद में प्रस्ताव पास हुआ तो विश्वविधालय के लिये सबसे बड़ा काला दिन होगा
इन्दौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की जमीन सिर्फ शैक्षणिक एवं शोध गतिविधियों के लिए है! प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा विश्व विद्यालय की जमीन को मांगे जाने पर कांग्रेस पार्टी के छात्र नेताओं द्वारा विरोध किया गया,और कहा यदि कार्य परिषद में प्रस्ताव रख कर पास किया गया तो विश्वविद्यालय के लिए यह सबसे बड़ा कला दिन होगा।
आर एनटी मार्ग विश्वविद्यालय परिसर पर कांग्रेस छात्र नेता एकत्र होकर विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय पहुंचे, जिसमें कुलपति डॉ. रेणु जैन जी, कुलाघि डॉ अशोक शर्मा जी, कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा जी, छात्र कल्याण विभाग अध्यक्ष श्री लक्ष्मीकांत त्रिपाठी जी, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी चंदन गुप्ता जी एवं अन्य अधिकारी, कर्मचारी, वरिष्ठ पत्रकारों की उपस्थिति में "चेतावनी पत्र" महामहिम राज्यपाल महोदय राजभवन भोपाल एवं मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा मंत्री मध्यप्रदेश शासन, इंदौर जिला कलेक्टर के नाम सौंपा गया ! जिसमें देवी अहिल्या विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लगातार राज्य सरकार के दबाव में आकर यूनिवर्सिटी ने तक्षशिला परिसर की बेशकीमती जमीन भंवर कुआँ थाने के मंदिर एवं नगर निगम की टंकी के लिए देने की हामी भरी गई है! इसके लिए उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव जी एवं मंत्री तुलसी सिलावट जी द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन पर भारी दबाव बनाया गया! इससे पहले भी यूनिवर्सिटी की जमीन का बड़ा हिस्सा रिंग रोड के नाम पर लिया जा चुका है! अब जमीन हथियाने के लिए शासन द्वारा बांगड़दा में 15 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का लालच दिया जा रहा है!ज्ञात है कि पूर्व में शासन द्वारा बांगड़दा में ही जमीन दी गई थी ! 50 एकड़ जमीन का कब्जा अब तक का नहीं मिल पाया है ! उल्टा मध्यप्रदेश शासन ने इसमें भी 25 एकड़ जमीन निजी यूनिवर्सिटी को सौंप दी है ! दूसरी ओर यूनिवर्सिटी की जमीन पर सिर्फ शिक्षण और शोध गतिविधियों के लिए है ! थाना, निगम की जमीन की टंकी मंदिर बनाने लिये क्षेत्र में सरकारी जमीन खाली पड़ी है! प्रशासन चाहे तो वहां थाना शिफ्ट कर सकता है ! किंतु देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव वरिष्ठ अधिकारी मध्य प्रदेश शासन के मंत्री के दबाव में आकर विश्वविद्यालय की जमीन देना चाटुकारिता का प्रतीक है।हमारे द्वारा लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन को उनकी जमीन पर हो रहे अतिक्रमण के संबंध में ध्यानाकर्षण करवाया जा रहा है जैसे कि (1) पानी की टंकी पहले से कैंपस में बनी हुई है ! दूसरी बार कहां देना उचित है! (2) कचरा स्टेशन भी विश्वविद्यालय की जमीन पर बना है उसके बदले भी शासन द्वारा जमीन नहीं दी गई है ! (3) तक्षशिला एवं आईटी पार्क के बीच में रिंग रोड बना है यह जमीन भी विश्वविद्यालय की है पूर्व में शासन द्वारा आश्वस्त किया गया था कि यहां पर अंडर पास निर्मित किया जावेगा लेकिन आज तक उक्त सुझाव पर अमल नहीं किया गया है उसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने सार्वजनिक रूप से मंत्रियों के दबाव में आकर विश्वविद्यालय की जमीन देने की बात कही है! हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं! इंदौर शहर से शिक्षा से जुड़े वरिष्ठ शिक्षाविद, पूर्व कुलपति, पूर्व कार्य परिषद सदस्य पूर्व, विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष, सीनेट मेंबर, सभी वरिष्ठ जन से छात्र नेता अपील करते हैं कि विश्वविद्यालय हित में "जबरिया निर्णय" का विरोध करना चाहिए विश्व विद्यालय की जमीन शुद्ध रूप से शैक्षणिक एवं शोध गतिविधियों के लिए है! हम इंदौर शहर के विकास का विरोध नहीं कर रहे हैं! किंतु विश्वविद्यालय संस्था के हितों की रक्षा करना मूलनिवासी नागरिकों का दायित्व है ! राजनीतिक एवं प्रशासनिक दबाव में आकर जमीन को दिए जाने का निर्णय का वर्षों से आरएनटी परिसर, खंडवा रोड परिसर, बांगड़दा मेडिकल कॉलेज परिसर, विश्वविद्यालय ने अपने स्वयं की जमीन का नक्शा, सीमांकन एवं चतुर्सीमा मूल्यांकन नहीं किया है! आज तक इससे संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक नहीं किया है! इसका फायदा अतिक्रमणकारियों को मिल रहा है! लगातार विश्वविद्यालय की जमीनों पर कूट रचित रचना रच कर फर्जी दस्तावेज बनाकर सभी दूर कब्जे किए जा रहे हैं ! विश्वविद्यालय प्रशासन एवं मध्यप्रदेश शासन इस ओर से ध्यान नहीं दे रहा है! उल्टा विश्वविद्यालय की जमीन मांगी जा रही है! "चेतावनी पत्र" ग्रहण करते हुए कुलपति द्वारा कांग्रेस नेताओं विधि सम्मत कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है किंतु कांग्रेस नेता इस बात पर अड़े रहे यदि कार्यपरिषद की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया जाता है तो विश्वविद्यालय का सबसे बड़ा काला दिन होगा! किसी भी परिस्थिति में विश्वविद्यालय जमीन से समझौता नहीं किया जाएगा! इसका विरोध भयानक रूप लेगा!
इंदौर
तक्षशिला परिसर की बेशकीमती जमीन भंवरकुआँ थाने के मंदिर एवं नगर निगम की टंकी के लिए दी जाएगी
- 23 Sep 2021