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भोपाल

तबाही की बारिश.... 25 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद, 25 हजार से ज्यादा मकान गिरे

  • 07 Aug 2021

भोपाल। इस बार मानसून देर से प्रदेश पर मेहरबान हुआ और जब हुआ तो ऐसा हुआ कि प्रदेश के कुछ इलाकों में तबाही की बारिश आ गई। अकेले चंबल-ग्वालियर क्षेत्र में आई बाढ़ से 25 हजार हेक्टेयर से ज्यादा फसल चौपट हो गई है। 25 हजार से ज्यादा मकान गिर गए हैं। नुकसान का यह प्रारंभिक आंकलन है। अब भी 15 गांव पानी से घिरे हैं, जबकि 276 गांव में पानी उतर गया है। खतरे के निशान से सिंध नदी (मैदाघाट) 9 मीटर ऊपर और चंबल नदी (उदयमाड़-भिंड) 5 मीटर ऊपर बह रही है। सरकार ने अलर्ट किया है कि श्योपुर, गुना, अशोक नगर, विदिशा व राजगढ़ में अत्याधिक बारिश का अनुमान है।
बाढ़ प्रभावित जिलों में बांधों का जल स्तर फिलहाल स्थिर हो गया है। कोटा बैराज का फुल रिजरवायर लेवल 260 मीटर है, जबकि गुरुवार रात तक लेवल 259 मीटर था। यहां से 375 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। काली घाट (चंबल) का फुल रिजरवायर 199 मीटर है, जबकि कल शाम तक यह 194 मीटर रहा। इसी तरह मकसूदन गढ़ (पार्वती) फुल रिजरवायर लेवल 409 मीटर है। कल देर शाम तक लेवर 405 मीटर रहा।
6,918 लोगों का रेस्क्यू
बाढ़ की चपेट में आए भिंड, मुरैना, दतिया, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर व श्योपुर से अब तक 6,918 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। इसमें सबसे ज्यादा मुरैना में 2 हजार 338 लोगों को एयर फोर्स, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ ने बचाया है। अब तक कुल 27 हजार 830 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
गांव में घुसा मगरमच्छ
शिवपुरी के बैराड़ के गांव में 12 फीट का विशाल मगरमच्छ निकल आया। 5 क्विंटल (500 किलो) वजनी मगरमच्छ को उठाने में करीब 14 लोग लगे। रात में निकले मगरमच्छ की लोगों ने रातभर पहरेदारी भी की। वन विभाग की टीम ने उसका रेस्क्यू कर सिंध नदी में छोड़ दिया। इसके पहले भी शिवपुरी शहर और आसपास के गांवों में मगरमच्छ घुस आते हैं। मामला बैराड़ के ग्राम नंदौरा का है। यहां गुरुवार रात करीब 12 बजे के बाद लोगों को विशाल मगरमच्छ दिखा। इससे ग्रामीण दहशत में आ गए। ग्रामीणों ने इसकी खबर वन विभाग को दी। ग्रामीणों को डर था कि कहीं मगरमच्छ भाग न जाए। इसके लिए उन्होंने रातभर पहरेदारी भी की। चूंकि, रात में उसे रेस्क्यू करना संभव नहीं था। सुबह करीब 11 बजे वनविभाग की टीम शिवपुरी से पहुंची। टीम में मौजूद लोगों ने मगरमच्छ को जाली में बांधा। करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद मगरमच्छ को रेस्क्यू किया गया। दोपहर बाद उसे करीब 14 लोगों ने उठाकर गाड़ी में रखा। इसके बाद उसे सिंध नदी में छोड़ा। बता दें कि सिंध नदी में काफी मगरमच्छ हैं। बारिश के समय नदी से मगरमच्छ निकल कर गांवों में पहुंच जाते हैं।