चेन्नई . आखिरकार वही हुआ, जिसका अंदेशा था। तमिलनाडु चुनाव में कांग्रेस को लगातार खराब प्रदर्शन की कीमत चुकानी पड़ी। द्रमुख गठबंधन में पार्टी को सिर्फ 25 सीट मिली जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 41 सीट पर चुनाव लड़ी थी। हालांकि, गठबंधन में कन्याकुमारी लोकसभा सीट भी कांग्रेस के हिस्से में आई है। यह सीट कांग्रेस सांसद एच वसंत कुमार के निधन के बाद खाली हुई थी। बीजेपी ने इस सीट से पी राधाकृष्णन को टिकट दिया है।
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन लगातार खराब रहा है। साल 2011 के चुनाव में पार्टी ने गठबंधन में 63 सीट पर चुनाव लड़ा था, पर वह सिर्फ पांच सीट ही जीत पाई थी। साल 2016 के चुनाव में द्रमुक ने सीट कम करते हुए कांग्रेस को सिर्फ 41 सीटें दीं। लेकिन पार्टी आठ सीट जीत पाई। बिहार चुनाव की तरह उस वक्त भी द्रमुक की सरकार नहीं बनने के लिए कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को जिम्मेदार ठहराया गया था। इसलिए इस बार कांग्रेस को सिर्फ 25 सीटें मिली हैं।
डीएमके से मिले अपमान पर रो पड़े थे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीएमके की ओर से किए गए अपमान का जिक्र करते हुए भावुक हो गए थे। यह वाकया शुक्रवार शाम को हुई कांग्रेस पार्टी की आंतरिक मीटिंग का है। कांग्रेस की कार्यकारी बैठक के दौरान डीएमके की ओर से किए बर्ताव का जिक्र करते हुए वह भावुक हो गए। कांग्रेस अध्यक्ष केएस अलागिरी ने कहा कि हमारे मेंबर्स से इतर जिस तरह उन्होंने सीनियर लीडर ओमान चांडी के साथ बर्ताव किया। उसने मुझे दुख पहुंचाया। सूत्र ने बताया, 'कांग्रेस की कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए केएस अलागिरी की आंखों में आंसू गए और कहा कि सीट शेयरिंग के मामले में डीएमके ने कांग्रेस का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी जिंदगी में कभी इस तरह शर्मसार नहीं हुआ था।
कुल 48 सीटों पर सहमति बनी
द्रमुक अपने सहयोगियों को 48 सीटें आवंटित कर चुकी है। कांग्रेस को 25 तो एमडीएमके, वीसीके और माकपा को छह-छह सीटें, जबकि आईयूएमएल को तीन तथा मनिठान्या मक्कल काची को दो सीटें दी गई हैं।
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तमिलनाडु: चुनाव में कांग्रेस को लगातार खराब प्रदर्शन की चुकानी पड़ी कीमत, द्रमुख गठबंधन में पार्टी को सिर्फ 25 सीट
- 08 Mar 2021