पका हुआ लाल गूदेवाला तरबूज स्वाद में मधुर, गुण में शीतल, पित्त एवं गर्मी का शमन करने वाला, पौष्टिकता एवं तृप्ति देने वाला, पेट साफ करने वाला ।
कच्चा तरबूज गुण में ठंडा, दस्त को रोकने वाला, वात व कफकारक, पचने में भारी एवं पित्तनाशक है ।
तरबूज के बीज शीतवीर्य, शरीर में स्निग्धता बढ़ानेवाले, पौष्टिक, मूत्रल, गर्मी का शमन करने वाले, कृमिनाशक, दिमागी शक्ति बढ़ाने वाले, दुर्बलता मिटाने वाले, गुर्दों की कमजोरी दूर करने वाले, गर्मी की खाँसी एवं ज्वर को मिटाने वाले क्षय एवं मूत्ररोगों को दूर करने वाले हैं । बीज के सेवन की मात्रा हररोज 10 से 20 ग्राम है। ज्यादा बीज खाने से तिल्ली की हानि होती है ।
सावधानी
गर्म तासीरवालों के लिए तरबूज एक उत्तम फल है लेकिन वात व कफ प्रकृतिवालों के लिए हानिकारक है । अतः दमा , सर्दी-खाँसी, श्वास, मधुप्रमेह, कोढ़, रक्तविकार के रोगियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए ।
ग्रीष्म ऋतु में दोपहर के भोजन के 2-3 घंटे बाद तरबूज खाना लाभदायक है । यदि तरबूज खाने के बाद कोई तकलीफ हो तो शहद अथवा गुलकंद का सेवन करें ।
औषधि-प्रयोग
मंदाग्निः तरबूज के लाल गूदे पर काली मिर्च, जीरा एवं नमक का चूर्ण डालकर खाने से भूख खुलती है एवं पाचनशक्ति बढ़ती है ।
शरीरपुष्टिः तरबूज के बीज के गर्भ का चूर्ण बना लें । गर्म दूध में मिश्री तथा 1 चम्मच यह चूर्ण डालकर उबाल लें । इसके प्रतिदिन सेवन से देह पुष्ट होती है ।
Health is wealth
तरबूज से स्वास्थ्य लाभ
- 08 May 2024