Highlights

विविध क्षेत्र

दागी प्रत्याशियों का दबदबा...?

  • 07 Mar 2022

एल एन उग्र
यूपी में आज चुनाव का अंतिम चरण है... यानी कि यूपी के चुनाव समर में... आज आखरी आहुति  है... चुनाव में जुबानी जंग ने तो...जंग लगी मानसिकता का खूब प्रदर्शन किया...  स्तरीन संवाद  ने... पढ़ने वालों की आंखों के समक्ष... चिंता की चिंता की रेखाएं खींची ही सही...परंतु अविकसित मानसिकता के... चुनावी जुमलो ने मन को दुखी किया...क्या चुनाव का अर्थ यही है...तू - तू, मैं - मैं और एक दूसरे का अपमान करना... हालांकि  यही परंपरा अब चुनाव में एक अंग बन गया है... और अखबारों के लिए मसाले का साधन... खैर आज मुख्य विषय यह है कि... इन चुनावों में दागी प्रत्याशियों का चुनाव लड़ना... अकाली दलहो...भाजपा हो... सपा... हो या आरएलडी... हो कोई भी दल हो... बिना दागी प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में नहीं उतरे हैं...हत्या... हत्या का प्रयास... दुष्कर्म... महिलाओं से संबंधित अपराध...के आरोपी... तथा अन्य आरोपी... मुख्य भूमिका में है... यानी कि चुनाव में दागियों का दबदबा है... l
यहां तक कि अगर... एक-एक प्रत्याशी के आरोप...  या मुकदमों  की बात करें... तो 80-85 मामले तक चल रहे हैं... धन्य है हमारा लोकतंत्र...और लोकतंत्र को संचालित करने वाले राजनीतिक दल... क्या मजबूरी है राजनीतिक दलों की... ऐसे दागी लोगों को...चुनावी समर में उम्मीदवार बनाने की... इतना बड़ा गड़बड़झाला है... फिर भी सारे राजनीतिक दल... सफेद कालर होने का दम भरते हैं... l क्यों राजनीति और अपराध... एक दूसरे के पूरक हो कर रह गए हैं... राजनीति में जमीनों के कब्जों की कहानियां आम है... अपराध आम है...जनता परेशान है... फिर भी राजनीतिक दलों के द्वारा...गंदगी साफ करने का कोई प्रयास नहीं है... यह बात वर्तमान में हो रहे पांच राज्यों के... चुनाव में दागी प्रत्याशियों के उम्मीदवार होने से... प्रमाणित है... बस चिंता यही है कि... यह दागी प्रत्याशी जनता का भला करेंगे... या स्वयं का... राजनीति को अवश्य ही दागी करेंगा ... दागी प्रत्याशियों का दबदबा... यह तय है... l