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बाबा पंडित

दो दिन मकर संक्रान्ति

  • 13 Jan 2023

मकर सक्रांति सूर्य के मकर राशि में आने पर होती है। शनि मकर राशि के स्वामी हैं। कहा जाता है कि इस दिन सूर्य भगवान मकर राशि पर अपने पुत्र के दर्शन करने के लिए आ आते हैं। इस वर्ष मकर राशि मे सूर्य रात्रि 20:45 बजे आएंगे। शाम को मकर सक्रांति लगने पर सक्रांति का पर्व काल 15 जनवरी को मनाया जाएगा, लेकिन 14 जनवरी की शाम को मकर संक्रांति के आने कारण इस दिन भी गंगा स्नान, पुण्य जल में स्नान एवं दान आदि कर सकते हैं। सूर्य के मकर राशि में आने से उत्तरायण आरंभ हो जाता है। अयन का अर्थ होता है गति। सूर्य की दो प्रकार की गति है उत्तरायण और दक्षिणायन। उत्तरायण को देवताओं का दिन माना जाता है और दक्षिणायन को देवताओं की रात। पितामह भीष्म ने भी उत्तरायण में सूर्य आने पर ही अपना शरीर त्यागा था। सक्रांति का अर्थ होता है बदलाव। 14 जनवरी के पश्चात सूर्य की गति उत्तर की ओर आरंभ हो जाती है। सूर्य की किरणों में गर्मी आनी शुरू हो जाती है और दिन बड़ा होना शुरू हो जाता है। 
मकर सक्रांति पर कैसे करें पूजा पाठ
सक्रांति देवताओं का पर्व है । इस दिन तीर्थ क्षेत्र पर संगम अथवा गंगा नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है। भारतीय संस्कृति के अनुसार लोग स्नानादि से निवृत्त होकर विभिन्न वस्तुएं दान करते हैं। प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व ही शुद्ध जल से स्नान करना बहुत शुभ माना गया है। स्नान के पश्चात गायत्री मंत्र का जाप, सूर्य की आराधना और अपने इष्ट और गुरु के मंत्र का जाप बहुत ही उत्तम फल देने वाला है। कहा जाता है कि इस दिन जो भी मंत्र जाप, यज्ञ और दान किया जाता है, उसका  शुभ प्रभाव 10 गुना होता है। मकर सक्रांति को लोग खिचड़ी बनाते हैं। खिचड़ी का अर्थ है- सम्मिश्रण या समरसता। चावल, उड़द की दाल, गुड,घी तथा अन्यान्य वस्तुओं के द्वारा बनाई गई खिचड़ी समाज को एकरूपता में बांधने का भी संदेश देती है। इस दिन गरीबों को कंबल एवं वस्त्र का दान करना बहुत उत्तम होता है। चावल और उड़द मिलाकर खिचड़ी का दान बहुत उत्तम है, क्योंकि चावल अक्षय भंडार के प्रतीक होते हैं। इनका दान करने से घर में सुख समृद्धि और मन में शांति का निवास होता है और उड़द एवं उडद की दाल का दान करने से शनि प्रसन्न होते हैं। मकर संक्रांति को तिल का दान या तिल से बने भी मिष्ठान, रेवड़ी, गजक आदि का दान बहुत उत्तम होता है। मूंगफली, बदाम, खजूर एवं छुहारे का दान भी अपनी सामर्थ्य के अनुसार कर सकते हैं। जितने भी पदार्थ शरीर को गर्म रखते हैं और ऊर्जा प्रदान करते हैं। उन सब का दान इस दिन बहुत श्रेष्ठ है।
बहन, बेटी, बुआ को दान न करें काले उड़द या दाल
इस दिन हमें एक बात का ध्यान चाहिए कि कुछ लोग अपने बहन, बेटी अथवा बुआ को मकर सक्रांति का उपहार भेजते हैं, लेकिन उपहार में काले उड़द की स्थान पर मूंग की दाल भेजें क्योंकि इससे बहन, बेटी और बुआ को सुकून मिलता है और हमारा बुध मजबूत होता है। काले उड़द या उड़द की दाल अपने किसी प्रिय को गिफ्ट नहीं करना चाहिए। माना जाता हैं कि ऐसा करने से शनि देव दान देने वाले और दान लेने वालों पर विपरीत प्रभाव डालता है। उड़द एवं उड़द की दाल केवल श्रमिक, मजदूर, भिक्षुक आदि को दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।) 
साभार लाइव हिन्दुस्तान