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दिल्ली में लागू हो सकती है पुरानी आबकारी नीति, बवाल के बाद बैकफुट पर केजरीवाल सरकार

  • 30 Jul 2022

नई दिल्ली। नई आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद दिल्ली सरकार बैकफुट पर आ गई है। सूत्रों के मुताबिक, नई आबकारी नीति वापस होगी। नई नीति तैयार होने तक पुरानी नीति के तहत ही शराब की बिक्री की जाएगी।
उधर, राजनिवास सूत्रों का कहना है कि आबकारी विभाग की तरफ से ऐसी कोई फाइल उपराज्यपाल कार्यालय को नहीं मिली है। विभाग के आयुक्त ने चारों निगमों को इंटरनल नोट भी जारी कर दिया है। उधर, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने दिल्ली सरकार के असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर को नई नीति को लेकर जवाब-तलब किया है। 
आबकारी कमिश्नर की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि उपमुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार नई नीति लागू होने तक 6 महीने के लिए पुरानी व्यवस्था को बहाल किया जाए। इसके लिए दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम, दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम, दिल्ली कंज्यूमर्स कोऑपरेटिव होलसेल स्टोर और दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन लि. के प्रमुखों के साथ तुरंत तालमेल बनाना है। पुरानी नीति में चारों नगर निगम मिलकर दुकानें चलाते थे। साल में 21 दिन ड्राई डे थे। 
नई आबकारी नीति
निगमों से शराब की बिक्री वापस लेकर पूर्णत: निजी हाथों में सौंप दी गई
शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 वर्ष की गई 
दुकान को कम से कम 500 वर्ग मीटर, सीसीटीवी से लैस करने के निर्देश
तीन दिन ही ड्राई डे यानी दुकानें साल में 3 दिन बंद करने की अनुमति थी
पिंक बूथ खोलने की अनुमति दी गई थी ताकि महिलाएं शराब का सेवन कर सकें
रेस्तरां व बार को शराब बिक्री केंद्र से ही शराब खरीदने की अनुमति
शराब बिक्री केंद्र को एमआरपी पर छूट देने की अनुमति थी
बार, क्लब्स और रेस्तरां को रात 3 बजे तक दुकान खोलने की छूट थी
नई शराब नीति वापस लेने से फंसेगा पेच, कोर्ट का रुख कर सकते हैं वेंडर
नई शराब नीति वापस लेने के आदेश के बाद, जहां शराब का सेवन करने वालों की परेशानी बढ़ेगी। वहीं, नई आबकारी नीति स्क्रैप हुई तो कई शराब डीलर अदालत का रुख कर सकते हैं। नई शराब नीति के तहत वेंडरों ने करोड़ों रुपये दुकान लेने और शराब स्टॉक करने में खर्च किए हैं। सरकार की सख्ती पर  शटर डाउन हुए तो शराब की किल्लत भी होगी। इतना ही नहीं पुरानी नीति लागू हुई तो रेस्तरां, पब समेत अन्य विक्रेताओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 
साभार अमर उजाला