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इंदौर

दिव्यांग ने फांसी लगाकर दी जान, थाने पर मचा हंगामा

  • 02 Aug 2023

बदसलूकी करने वाले एसआई उइके को किया सस्पेंड
इंदौर। द्वारकापुरी में रहने वाले एक 26 साल के दिव्यांग मोहन पाल ने मंगलवार रात फांसी लगाकर जान दे दी। फांसी लगाने के पहले उसने व्हॉट्सएप पर लिखा कि वह एसआई के व्यवहार से काफी दुखी है। इसके बाद उसने फांसी लगा ली। सुबह परिजन उठे तो मोहन का शव फंदे पर लटका देखा। भाई और पिता उसे नीचे उतारकर अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इस बीच मोहन के भाई रतिराम ने मोबाइल देखा तो पता चला कि मंगलवार रात फांसी लगाने से पहले मोहन ने उसे व्हॉट्सएप पर सुसाइड नोट भेजा था। इसमें मोहन ने अपनी मौत का जिम्मेदार द्वारकापुरी थाने के एक एसआई को बताया है। बताया जाता है कि दिव्यांग युवक से शादी के नाम पर बिहार के व्यक्ति ने ऑनलाइन फ्रॉड किया था। इसके बाद से वह लगातार मामले में शिकायत कर रहा था। सायबर थाने में दिव्यांग कई बार गया। लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई।
मोहन की मौत से गुस्साए परिजनों और परिचितों ने बुधवार सुबह द्वारकापुरी थाने पर हंगामा कर दिया। सूचना के बाद पहुंचे एडिशनल डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा ने परिजनों को जांच का भरोसा दिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा। परिवार के लोग शव को थाने पर ही रखकर काफी देर तक हंगामा करते रहे। इस मामले में अभी एसआई अमोद उइके को सस्पेंड कर मामला जांच में लिया गया है।
पुलिस के मुताबिक मृतक का नाम मोहन पिता रमन पाल निवासी आकाश नगर है। जो रेती मंडी के यहां चाय की दुकान चलाता है। मोहन के साथ परिचित मलखान नामक युवक ने शादी की बात की थी। उसके साथ बिहार के प्रवेश ने आनलाइन फ्रॉड किया था। मामले में उसने डीसीपी राजेश सिंह के साथ कलेक्टर की जनसुनवाई में गुहार लगाई थी। इसके बाद उसे द्वारकापुरी थाने भेजा गया था। यहां मोहन पहुंचा तो उसे ड्यूटी पर एसआई मिला। जिसने उसे अपशब्द कहे। इसके बाद उसने व्हॉट्सएप पर नोट लिखकर सुसाइड कर लिया।
एडिशनल डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा ने कहा कि शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है। बदसलूकी के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। एसआई उइके ने बदसलूकी की थी, उन्हें निलंबित करके लाइन अटैच कर दिया गया है। जांच पूरी होने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
पिता बोले- बेटे से शादी के नाम 90 हजार ठगे
पिता रमन पाल ने कहा बेटे मोहन को मलखान नामक युवक ने शादी कराने के नाम पर 95 हजार रुपए लिए थे। मलखान ने प्रवेश से संपर्क करवाया। अपनी शादी का हवाला देते हुए बेटे की शादी कराने का कहा था। मलखान मेरे बेटे को बरात में बिहार भी ले गया था। उसी ने बेटे की शादी कराने के नाम पर ठगी की है। बेटा उसे लेकर ही परेशान था। मलखान ने फोन उठाना बंद कर दिए थे और वह बेटे को धमकी भी दे रहा था। इसके चलते वह पुलिस के पास शिकायत करने गया था।
तीन भाईयों में सबसे छोटा
मोहन तीन भाईयों में सबसे छोटा है। उसके परिवार में सबसे बड़ा भाई परशुराम है। जो पेशे से ड्रायवर है। वहीं एक भाई रतिराम है जो ट्रांसपोर्ट का काम करता है। रमन ने जब उसे मैसेज किया तो वह मुंबई में था। वह इंदौर से ट्रांसपोर्ट की गाड़ी लेकर वहां गया था। मैसेज देखने के बाद उसने परिवार के लोगों से बात की। परिवार के लोगों ने कई बार मोहन को समझाया। लेकिन वह इस बात से काफी दुखी हुआ था। इसके चलते उसने अपनी जान दे दी।
ऑनलाइन ठगी की, लडक़ी भगाने के नाम पर धमकाया
मोहन ने कलेक्टर कार्यालय में की गई अपनी शिकायत में बताया था कि उसके परिचित ने बिहार में एजेंट प्रवेश शर्मा से मिलाया था। जो शादियां करवाता है। में अविवाहीत हूं और मुझे शादी करवाने का कहा था। इसके एवज में 95 हजार मांगे थे। यह पैसा शादी के नाम पर मांगा था। इसके बाद में विश्वास करके सहरसा बिहार चला गया। यहां मुझसे 95 हजार रुपए ले लिये। मुझे लडक़ी का फोटो दिखाया और शादी का दिलासा दिया। इसके बाद मैं इंदौर आ गया। शादी की बात करने के लिए मैंने प्रवेश को कॉल किया तो पहले उसने टालमटोल किया। इसके बाद उसने मेरा फोन उठाना भी बंद कर दिया। मैंने एजेंट के साथी श्याम सुंदर शर्मा उर्फ दिनेश के अकाउंट में ऑनलाईन 95 हजार रुपए ट्रांसफर किए हैं। रुपए लेने के बाद मैंने जब कॉल किये तो मुझे दूसरे नंबरों से कॉल आए कि हम बिहार के पूर्णिया थाने से बोल रहे हैं। तुम बिहार आए और लडक़ी भगाकर ले गए। तुम्हें अंदर कर दूंगा। इस पूरे मामले की शिकायत मोहन ने इंदौर में जनसुनवाई में कलेक्टर से की थी।