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दिवाली के जश्न पर प्रदूषण की मार!, सिंगरौली में भयावह प्रदूषण से दीवाली के जश्न में नही जलेंगे पटाखें

  • 24 Oct 2022

सिंगरौली। सिंगरौली जिले में दिवाली पर इस बार पटाखों और आतिशबाजी का शोर नहीं सुनाई देगी। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए जिला प्रशासन ने पटाखों की बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। इस बार ग्रीन पटाखों की बिक्री भी नहीं की जाएगी। इसकी रोकथाम के लिए डीएम ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है।
सिंगरौली देश के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल है। इस जिले में कोयले की खान व पावर प्लांट की वजह से प्रदूषण की स्थिति खतरनाक हो जाती है। ऐसे में हर मौसम में यहाँ गंभीर हालात बने रहते हैं। काले हीरे की खान के नाम से मशहूर उर्जाधानी सिंगरौली में बढ़ते प्रदूषण से बच्चे, युवा और बुजुर्ग परेशान हैं। सड़कों से उडऩे वाली धूल और कोयले से पावर हाउस से उडऩे वाली राख ने फेफड़ों में कालिख घोल दी है। प्रदूषण की भयावह स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने इस जिले में पटाखों के निर्माण, बिक्री व प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस बार दीवाली का जश्न बिना किसी शोरगुल के साथ मनाया जाएगा ।
खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा एक्यूआई -
जिलेे में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। बारिश बंद होने के बाद जिले में एक्यूआई का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। पिछले दो तीन दिन से एक्यूआई 300 के आसपास पर चल रहा है। अगले कुछ दिनों में इसके और बढऩे के आसार नजर आ रहे हैं। ऐसे में एनजीटी की गाइड लाइन है कि एक्यूआई तीन सौ ऊपर जाता है तो किसी भी प्रकार के पटाखों की बिक्री न की जाए। इसी बात को देखते हुए जिले में इस बार पटाखों की बिक्री को प्रतिबंधित किया है।
वहीं जिला कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने इस बारे में बताया जिले में लगातार एक्यूआई का स्तर 275 और 300 के आस पास है जो खतरनाक स्थिति में है, जिसे देखते हुए पटाखों के निर्माण , बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है।