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ग्वालियर

दोस्त के बेटी-दामाद ने लगाई 1.62 करोड़ की चपत, कारोबारी से लोन कम्पनी में रखवाया सवा 3 किलो सोना,गुपचुप किया पार

  • 05 Oct 2022

ग्वालियर। ग्वालियर में एक कारोबारी के दोस्त की बेटी और दामाद पर भरोसा करना व्यापारी को बहुत महंगा पड़ गया। आरोपियों ने मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कम्पनी के मैनेजर के साथ मिलकर कारोबारी को 1.62 करोड़ रुपए की चपत लगा दी। आरोपियों ने गोल्ड की सेफ्टी और ज्यादा ब्याज का झांसा देकर कारोबारी का सवा तीन किलो सोना कम्पनी में रखवा दिया। बाद में धोखाधड़ी कर आधा सोना निकाल लिया और बाकी पर 80 लाख का लोन ले लिया। जरूरत पडऩे पर जब कारोबारी गहने लेने कम्पनी ऑफिस गए, तब मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने मंगलवार को आरोपी दंपती और गोल्ड लोन कम्पनी के मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया।
हरिशंकरपुरम के रहने वाले महेश पुत्र हरीश चंद्र जैन ज्वेलर कारोबारी हैं। वह रियल इस्टेट और शेयर मार्केट का काम भी करते हैं। पिछले 20 साल से शिंदे की छावनी के रहने वाले चन्द्रमोहन शर्मा से उनकी दोस्ती है। चन्द्रमोहन की बेटी रश्मि शर्मा और दामाद विक्रम चौधरी का भी उनके यहां आना-जाना था। दोनों ने खुद को मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी में एजेंट बताया था। विक्रम और पीडि़त महेश के बीच पैसों का लेन-देन चलता रहता था। इससे महेश आरोपी विक्रम पर भरोसा करने लगा और दोनों के बीच परिवारिक संबंध भी हो गए थे।
भरोसा जीतने के लिए ज्यादा ब्याज का लालच दिया
सितंबर 2018 में आरोपी पति-पत्नी रश्मि शर्मा और विक्रम महेश के घर आए। उन्होंने बताया कि मणप्पुरम गोल्ड बैंक में एक नई स्कीम लॉन्च हुई है, जिसमें अगर कम्पनी से जुड़े कर्मचारी या उनके परिचित अपना सोना वहां रखते हैं, तो बदले में डेढ़ प्रतिशत ज्यादा ब्याज मिलता है। इस पर रश्मि ने कारोबारी महेश जैन को बताया कि यदि वह रश्मि के नाम से अपना कुछ सोना गोल्ड बैंक में रख देते हैं, तो इसके बदले में मिलने वाले एक्स्ट्रा डेढ़ प्रतिशत ब्याज में से वह एक प्रतिशत उनको दे देगी और आधा प्रतिशत खुद रख लेगी। शातिर रश्मि शर्मा ने व्यापारी को मनाने के लिए उन्हें घर पर सोना रखने के खतरे के बारे में भी बताया।
सुरक्षा का हवाला दिया तो तैयार हुआ कारोबारी
कारोबारी महेश जैन ने बताया कि उन्हें 1त्न ब्याज में ज्यादा रुचि नहीं थी, तो विक्रम व रश्मि ने दूसरा दांव खेला। आरोपियों ने बताया कि सोना वहां रखने से कोई नुकसान नहीं है, बल्कि सुरक्षा और फायदा ही है, क्योंकि बैंक में रखा उनका सोना ज्यादा सुरक्षित रहेगा। जब भी जरूरत होगी, रसीद लेकर जाने पर उनका सोना वापस मिल जाएगा। इसके बाद रश्मि व विक्रम ने उन्हें मणप्पुरम गोल्ड लोन कम्पनी की जयेन्द्रगंज ब्रांच मैनेजर पवन परिहार से मिलवाया। ब्रांच मैनेजर ने भी इस स्कीम की पुष्टि की, तो सुरक्षा को देखते हुए उन्होंने अपना सवा तीन किलो सोना कंपनी में रख दिया। रश्मि के नाम से गोल्ड वहां जमा था, तो रसीद भी उसी के नाम की मिली। लेकिन भरोसा जीतने के लिए उसने वह रसीद कारोबारी को दे दी। रश्मि ने सोने पर 14 सितंबर 2018 से 10 अक्टूबर 2019 तक ब्याज दिया। इस दौरान वह धीरे-धीरे बैंक से सोना निकालती रही।
गोल्ड लेने के लिए कंपनी पहुंचे तो हुआ खुलासा
महेश जैन को जब सोने की जरूरत पड़ी तो उन्होंने रश्मि से गोल्ड वापस दिलवाने के लिए कहा। इस पर वह आज-कल बोलते हुए टालने लगी। ऐसे में महेश को शक हुआ तो वो 20 अक्टूबर 2020 को मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कम्पनी पहुंचे। यहां पता चला कि रश्मि के नाम से जो सोना जमा था, वो उसने पहले ही निकाल लिया है। जो कुछ सोना बचा है, उस पर 80 लाख का लोन ले लिया है। जब उन्होंने पूछा कि गोल्ड जमा की रसीद तो उनके पास है, ऐसे में उसने सोना कैसे निकाल लिया। तो कर्मचारियों ने बताया कि रश्मि दो रसीद निकलवाती थी। एक कारोबारी को देकर दूसरी खुद रखती थी। पता चलते ही कारोबारी विक्रम और रश्मि के पास पहुंचे। उन्होंने बताया कि उन्हें जरूरत थी, इसलिए उनके सोने पर उन्होंने लोन लिया था, जल्द ही रुपए लौटा देंगे।