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दक्षिण एशिया का बड़ा लॉजिस्टिक हब बनेगा एनसीआर

  • 02 Sep 2021

नई दिल्ली। केंद्र सरकार दिल्ली-एनसीआर को लॉजिस्टिक हब के तौर पर विकसित करने की योजना पर काम रही है। इसमें एनसीआर के सभी औद्योगिक संस्थान व गतिविधियां एक-दूसरे पर निर्भर होंगे। वहीं, तैयार माल को बाजार में पहुंचाने के लिए सभी केंद्र परिवहन के तेज माध्यमों से जुड़ जाएंगे। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के रीजनल प्लान-2041 के ड्राफ्ट में इसका खाका पेश किया गया है। इसमें माना गया है कि एनसीआर दक्षिण एशिया का बड़ा हब बन सकता है। बशर्ते, अलग-अलग गतिविधियों के लिए जगह की पहचान कर बेहतर तरीके से नीतियों को लागू किया जाए।
रीजनल प्लान में पूरे एनसीआर को एक इकाई के तौर पर देखा गया है। इसमें लॉजिस्टिक हब का विकास होना है। इसके लिए वैश्विक मानकों के ड्राई पोर्ट, इंटरनेशनल कार्गो, कंटेनर डिपो सरीखी बुनियादी सुविधाएं विकसित होंगी। साथ ही सभी इलाकों को रेल, सड़क व हवाई परिवहन से जोड़ा जाएगा। खास बात यह कि हुनरमंद कर्मी तैयार करने के लिए स्किल सेंटर व तकनीकी संस्थान, पढ़ाई-लिखाई के लिए एजूकेशन सेंटर, इलाज के लिए हेल्थ केंद्र समेत दूसरे संस्थानों की स्थापना होगी। इससे न सिर्फ कारोबार की जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि मानवीय संसाधन का भी विकास होगा।
मंत्रालय अधिकारी के मुताबिक, प्लानिंग बोर्ड की बैठक में मंगलवार को इस पर चर्चा हुई थी। रीजनल प्लान में इन योजनाओं के लिए जगह की पहचान करने की जिम्मेदारी राज्यों पर डाली गई है। वहीं, पूरे एनसीआर का मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक इंटीग्रेशन होना है। इससे औद्योगिक इकाइयों में तैयार होने वाले उत्पादों को देश-विदेश में पहुंचाना आसान रहेगा। वहीं, दक्षिण एशिया में एनसीआर की लॉजिस्टिक हब के तौर पर नई पहचान भी मिलने की उम्मीद है। बोर्ड की अगली बैठक बुलाने का निर्देश दिया है। इसमें रीजनल प्लान का ड्राफ्ट रखा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद इस पर आगे का काम होगा।