इंदौर। फर्जी एडवाइजरी कंपनी के मामले में पकड़े गए चारों आरोपियों से पूछताछ में कई राज की बातें पुलिस को पता चली है। कंपनी का मास्टर माइंड शुभम मिश्रा यूपी से सिम खरीदता था। यही वह शातिर है जो लोगों का डाटा लेकर धोखाधड़ी का खेल करता था। पुलिस ये भी पता लगा रही है कि वह डाटा किससे और कबसे खरीद रहा था। उसे भी पुलिस आरोपी बनाएगी। शुभम बेहद शातिर है और उसने अमेठी में एक अकाउंट खोल रखा है जिसमें धोखाधड़ी का पैसा जमा करवाता था। पुलिस ये भी पता लगा रही है कि धोखाधड़ी का पैसा कहां-कहां और किस-किसके पास जाता था।
विजयनगर पुलिस ने फर्जी एडवाइजरी का पर्दाफाश कर चार आरोपियों को गिर तार किया है। तीन आरोपियों के पर्सनल अकाउंट में 1 करोड़ 33 लाख के ट्रांजेक्शन सामने आए हैं। स्कीम 54 में चलाई जा रही मेहरा सिक्युरिटी एडवाइजरी कंपनी के नाम से चलाई जा रही है इस कंपनी ने सेबी में रजिस्ट्रेशन भी नहीं करवाया है। कंपनी का मास्टर माइंड इन्हें डाटा उपलब्ध करवाता था। डाटा लेने के बाद आरोपी शेयर ट्रैडिंग करने वालों से संपंर्क करते और दूसरी कंपनियों से कम कमीशन और ज्यादा प्राफिट का लालच देकर उनसे पैसा एडवांस में ले लेते थे। उसके बाद ये पैसा आपस में बंाट लेते थे। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर अन्य धोखाधड़ी के मामलों का खुलासा करने में जुटी है।
इंदौर
धोखाधड़ी के लिए करते थे यूपी की सिम का उपयोग
- 22 Jan 2022