सागर। सरकारी आईटीआई में मई व अक्टूबर-2023 में हुए हिंदी स्टेनो एग्जाम के रिजल्ट में फेल छात्रों को पास किया गया। सागर में तीन फेल छात्रों को रुपए लेकर पास करने के खुलासे के बाद प्रदेश स्तर पर रिजल्ट में हो रही यह धांधली पकड़ में आई है। मप्र राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड भोपाल ने प्रदेश के 12 जिलों बालाघाट, सागर, छिंदवाड़ा, शिवपुरी, गुना, मंदसौर, उज्जैन, भोपाल, इंदौर, उमरिया, सतना व दमोह की 18 सरकारी आईटीआई के 100 विद्यार्थियों की अंकसूचियां वापस मंगाई हैं।
ये विद्यार्थी एग्जाम में फेल हैं और इन्हें पास के प्रमाण-पत्र दिए गए। इनमें सबसे ज्यादा 31 विद्यार्थी बालाघाट के, 21 विद्यार्थी सागर के व 3 छात्र भोपाल के हैं। इस गड़बड़ी के पीछे अफसरों का तर्क है कि रिजल्ट बनाने के दौरान टेस्टिंग प्रक्रिया में गलती से फेल विद्यार्थियों को परीक्षा उत्तीर्ण के प्रमाण-पत्र जारी हो गए।
सवाल : फेल विद्यार्थी को पास करने की टेस्टिंग क्यों की
इस गड़बड़ी के पकड़ में आने के बाद अफसर तर्क दे रहे हैं कि रिजल्ट टेस्टिंग के दौरान यह गड़बड़ी हुई है। अफसरों का तर्क हजम इसलिए नहीं होता कि फेल विद्यार्थियों का प्रमाण-पत्र ही जारी नहीं होता। इसके बाद भी फेल विद्यार्थी को पास करने की टेस्टिंग क्यों की गई? आईटीआई का ऑनलाइन रिजल्ट जारी करने के पहले टेस्टिंग उसका पार्ट है, लेकिन टेस्टिंग पब्लिक डोमिन में नहीं की जाती।
सागर
धांधली:18 ITI के 100 फेल छात्रों को किया पास, अंकसूची वापस मंगाईं
- 11 Sep 2024