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सागर

धान खरीदी में गड़बड़ी- 5 माह बाद भी नहीं मिली धान उपार्जन की राशि, किसानों को डिफाल्टर होने की चिंता, नहीं कर पा रहे मांगलिक कार्य

  • 25 Apr 2023

सागर। समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन में केसली के दिगंबर स्व-सहायता समूह के खरीदी केंद्र पर बड़ी गड़बड़ी पकड़ी गई थी। जांच के दौरान यहां करीब 35 हजार बोरियों में धान की जगह भूसा भरा मिला था। इसके बाद टीम ने बोरियों को जब्त कर केंद्र को बंद कर दिया था लेकिन इस केंद्र पर धान बेचने वाले किसानों को 5 माह बाद भी भुगतान नहीं हुआ है। इससे किसान परेशान हैं और उन्हें डिफॉल्टर होने की चिंता सता रही है।
किसानों का कहना है कि भुगतान नहीं होने से घर में कोई मांगलिक कार्य भी नहीं कर पा रहे हैं। केसली ब्लॉक के सैकड़ों किसानों का लाखों रुपए का भुगतान फंसा हुआ है। इस गड़बड़ी के बाद समूह संचालक मीना जैन व खरीदी केंद्र प्रभारी विवेक जैन के खिलाफ केसली थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी।
किसान भुगतान की मांग सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराने से लेकर कलेक्टर व एसडीएम तक कर चुके हैं। इसके बाद कलेक्टर ने कहा था कि आरोपियों की संपत्ति कुर्क कर किसानों का भुगतान किया जाएगा लेकिन अब तक यह कार्यवाही पूरी नहीं हुई है। इससे किसानों को भुगतान नहीं हुआ।
केस-1 - सीएम हेल्पलाइन पर भी कर चुके शिकायत
केसली के मदनी गांव के किसान वीर सिंह राजपूत ने बताया कि उन्होंने दिगंबर स्व-सहायता समूह के खरीदी केंद्र पर 133 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर बेची थी। जिसका भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। करीब 2 लाख 75 हजार रुपए भुगतान बन रहा है। भुगतान की मांग को लेकर सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत कर चुके हैं, कलेक्टर को दो बार, एसडीएम को दो बार और खाद्य विभाग में भी एक बार आवेदन दे चुके हैं।
केस-2 - मजदूरों तक को नहीं कर पा रहे भुगतान
केसली ब्लॉक के बम्हौरी गांव के किसान झलकन सिंह राजपूत ने बताया कि परिवार के दो लोगों ने 64 क्विंटल धान बेचा था। जिसका 1 लाख 30 हजार रुपए का भुगतान 5 माह बाद भी नहीं हुआ है। इससे वे खाद-बीज वालों को पैसा नहीं दे पाए। जिन मजदूरों ने धान के खेत में मजदूरी की थी उन्हें भी पैसे नहीं दिए। गेहूं की फसल भी इस बार बारिश से प्रभावित हो गई है इसलिए गेहूं का उत्पादन कम हुआ है।
केस-3 - डिफाल्टर होने की सता रही चिंता
मदनी के रघुराज सिंह ने बताया कि उन्होंने करीब 200 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर बेची थी। जिसका करीब 4 लाख रुपए का भुगतान फंसा है। भुगतान की मांग कलेक्टर-एसडीएम से भी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि भुगतान न होने से बैंक का लेन-देन भी रुक गया है। डिफॉल्टर होने की चिंता अलग सता रही है। मोटर, पाइप, खाद-बीज खरीदने भी पैसे नहीं है। घर में कोई मांगलिक कार्य की तैयार तक नहीं कर पा रहे।