इंदौर। नगर निगम अब शहर के उन संपत्तिमालिकों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है, जिन्होंने संपत्ति कर बचाने के लिए अपने मकान, दुकान या भवन का क्षेत्रफल कम बताया है और इससे निगम को चूना लग रहा है। ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई होगी, जिन्होंने संपत्ति को आवासीय बताकर उसका व्यावसायिक इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
नगर निगम द्वारा शहर की संपत्तियों का सर्वे में 16547 संपत्तियों के आकार में अंतर पाया गया है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने संबंधित जोन के सहायक राजस्व अधिकारियों (एआरओ) को निर्देश दिए हैं कि संपत्तियों का आकार कम दर्शाकर कम संपत्ति कर जमा करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए। निगमायुक्त ने बुधवार को सिटी बस आफिस में संपत्ति के सर्वे कार्य की समीक्षा करते हुए इसके निर्देश दिए। उन्होंने एआरओ को कहा कि जिन 3516 संपत्तियों में 5000 वर्गफीट से ज्यादा का अंतर पाया गया है, उनकी जांच कर कार्रवाई की जाए। राजस्व अमले को यह काम प्राथमिकता से करने को कहा गया है।
सर्वे में एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि शहर की 8235 संपत्तियों के खाते ही नगर निगम में नहीं खोले गए हैं, मतलब उनका संपत्ति कर निगम में जमा नहीं हो रहा है। इस पर आयुक्त ने नए खाते खोलकर उनने मालिकों से संपत्ति कर वसूलने के निर्देश भी दिए हैं। आयुक्त ने नगर निगम की अपर आयुक्त (राजस्व) भव्या मित्तल को कहा है कि वे लगातार सर्वे में सामने आई गड़बडिय़ों पर कार्रवाई और कर वसूली की मानिटरिंग करें।
इंदौर
निगम को कर का चूना लगाने वालों पर नजर, संपत्ति को आवासीय बताकर व्यवसायिक इस्तेमाल करने वाले फंसेंगे
- 27 Aug 2021