इंदौर। नगर निगम द्वारा साल के अंत में राजस्व वसूली को लेकर शनिवार को शहर भर के सभी 19 जोन में लोक अदालत लगाई गई थी। इसमें शनिवार को कई सालों का रिकॉर्ड टूटा है। एक निजी कंपनी और विकास प्राधिकरण ने ही करोड़ों रुपए जमा कराए हैं। रात तक राजस्व का आंकड़ा करीब 50 करोड़ के अधिक पहुंचा है। कोरोना काल के बाद यह सबसे बड़ी राशि निगम के खजाने में जमा हुई है।
कमिश्नर प्रतिभा पाल के मुताबिक नगर निगम के साथ शहर भर के करीब 19 जोन में लोक अदालत लगी थी। निगम के खजाने में करीब 50 करोड़ से अधिक की राशि आई है। कोरोना काल के बाद यह अब तक की वसूली की सबसे ज्यादा राशि है। हजारों लोगों ने संपत्ति कर और जलकर जमा कराया है।
इंफोसिस और विकास प्राधिकरण ने ही कराए करोड़ों जमा
जानकारी के मुताबिक विकास प्राधिकरण की सम्पत्तियों को लेकर भी लोक अदालत में सेटलमेंट किए गए। इसमें शनिवार सुबह ही 12 करोड़ का चेक निगम को सौंपा था। इसके साथ ही इंफोसिस में अपनी संपत्ति को लेकर करीब 10 करोड़ 40 लाख का चेक निगम को सौंपा था। इसमें दोपहर तक ही वसूली का आंकड़ा 35 करोड़ के ऊपर पहुंच गया था।
अधिकारी और जज भी आए थे आगे
पिछले दिनों संभागायुक्त, कलेक्टर व नगर निगम के अधिकारियों ने कचरा शुल्क के साथ अन्य शुल्क जमा कराए थे। शहर की जनता से अपील की गई थी। इसी कड़ी में हाईकोर्ट रजिस्ट्रार बीके द्विवेदी ने अपने निवास का शुल्क जमा कराया। वहीं, जिला न्यायधीश डी के पालीवाल, न्यायधीश मनीष श्रीवास्तव ने भी कचरा शुल्क, सपत्ति कर की राशि निगम अधिकारियों को सौंपी है।
इंदौर
निगम का खजाना भरा, निजी कंपनी और विकास प्राधिकरण ने ही करोड़ों जमा कराए
- 13 Dec 2021