इंदौर। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इंदौर के निजी अस्पतालों में फायर एनओसी के लिए अभियान चला रहे हैं। इसके लिए अस्पतालों में जाकर वहां की व्यवस्था भी देख रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अपने पीसी सेठी अस्पताल के पास ही स्थायी फायर एनओसी नहीं है। स्थायी एनओसी नहीं मिलने का कारण यह है कि अस्पताल में आपातकालीन निर्गम द्वार नहीं है। ऐसे में यदि अस्पताल में आग लग जाएगी तो कैसे निपटेंगे, यह सबसे बड़ा सवाल है।
उल्लेखनीय है कि पीसी सेठी अस्पताल में प्रतिदिन 200 से ज्यादा मरीज आते हैं। इनमें भी अधिकतर गर्भवती महिलाएं होती हैं। बताया जा रहा है कि अस्पताल में फायर लाइन भी नहीं है। बता दें कि कलेक्टर इलैया राजा टी ने अस्पतालों की फायर एनओसी को लेकर स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पतालों को नोटिस जारी कर रहा है, लेकिन अपने ही अस्पताल पर ध्यान नहीं दे रहा है। जब निजी अस्पतालों के लिए फायर एनओसी जरूरी है तो शासकीय अस्पताल को लेकर विभाग और खासकर लाइसेंस शाखा के अधिकारी-कर्मचारी गंभीर क्यों नहीं हैं?
अस्पताल में दिनभर रहती है महिलाओं की भीड़
पीसी सेठी अस्पताल में दिनभर महिलाएं उपचार के लिए आती रहती हैं, इसलिए यहां अधिकतर भीड़ रहती है। इनमें भी अधिकांश गर्भवती महिलाएं होती हैं। डिलीवरी के केस भी यहां अधिक आते हैं। इसके बावजूद फायर फायटिंग की उचित व्यवस्था नहीं होना और स्थायी फायर एनओसी नहीं होना गंभीर लापरवाही की ओर इशारा करता है।
स्थायी एनओसी के प्रयास
अस्पताल में अभी अस्थायी फायर एनओसी है। हम स्थायी एनओसी के लिए प्रयास कर रहे हैं। जल्द ही हम एनओसी ले लेंगे। - डा. वीरेंद्र राजगीर, प्रभारी पीसी सेठी अस्पताल
इंदौर
निजी अस्पतालों से फायर एनओसी की मांग, अपनों पर नहीं दे रहे ध्यान
- 16 Oct 2023