इंदौर। कोरोना महामारी के दौरान निजी एंबुलेंस सेवाओं ने खूब मनमानी की। इनकी लूटमार चलती रही। मनमाना किराया वसूलते रहे। अब कोरोना महामारी के बाद एंबुलेंस की मनमानी बंद नहीं हुई है। इंदौर में रजिस्टर्ड एंबुलेंस कितनी है। गैन कानूनी तौर पर लोगों ने कितनी एंबुलेंस बना ली है। बाहर के शहरों के नाम पर कितनी एंबुलेंस इंदौर में चलती है इसका ठीक ठीक आंकड़ा किसी के पास नहीं है। कई निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम्स पर पोस्टर या कार्ड चिपका दिए गए हैं कि आपको एंबुलेंस की जरूरत हो तो फलां फलां मोबाइल नंबर पर संपर्क कीजिए। इस तरह की एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन भी नहीं है। इन्हें अस्पताल या नर्सिंग होम्स चलाते हैं या गैर कानूनी चलती है। इसका भी अंदाज नहीं लगाया जा सकता है। जिसकी मर्जी हो उसने एंबुलेंस सेवा शुरू कर दी है। मारूति वैन, टाटा मैजिक सहित कई गाडिय़ों को एंबुलेंस का आकार दे दिया गया है। ज्यादातर एंबुलेंस प्रायवेट अस्पतालों या नर्सिंग होम पर नजर आती है। इंदौर के आसपास के शहरों में भी मरीजों को इंदौर लाने वाली एंबुलेंस के नाम पर ऐसी एंबुलेंस को हथियार से लेकर नशे की तस्करी में इस्तेमाल किया जाता है। कभी प्रशासन या पुलिस इनकी जांच नहीं करती है।
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इंदौर
निजी एम्बुलेंस सेवाओं की मनमानी पर रोक नहीं, प्रशासन को पता नहीं कितनी वैध अवैध
- 25 Nov 2021