ये तो अच्छा हुआ यूक्रेन और रशिया की वार हुई जिसके कारण चावल और गेहूं एक्सपोर्ट हो रहा है...
मैने प्रधान मंत्री को कहा देखो इसमें किसानों का हित है..
मेरा एक सपना है, और वो सपना यह है की इस देश का किसान इस देश के पेट्रोल और डीजल का पर्याय दे, मेरी बात को आप शांति से सुनो, मैं हवा की बात करने वाले नेताओं में से नहीं हूं और मैं आपको बताता हूं कि मैं साफ बोलता हूं तो कभी कभी लोग नाराज भी होते है, चावल उगाने वालो का भविष्य अच्छा नहीं है
मेरी बात याद रखना हिंदुस्तान में चावल सरप्लस, चन्ना सरप्लस, कॉर्न सरप्लस, चीनी सरप्लस, हिंदुस्तान में केवल तेल कमी है खाद्य तेलों की, मैं आपसे रिक्वेस्ट करूंगा की सोयाबीन, सनफ्लावर, सरसो के बारे में थोड़ा सोचिए। क्योंकि ये आप करेंगे तो बहुत अच्छा होगा नही तो किसानों को भविष्य में बहुत अड़चने आएंगी।
आपने बिलकुल सही कहा की चावल किसानों को दिक्कत है, सरकार खरीदी नही कर रही है, पंजाब और हरियाणा में चावल रखने के लिए गोदाम नहीं है, ये तो अच्छा हुआ यूक्रेन और रशिया में वार हुई, चावल और गेहूं एक्सपोर्ट हो रहा है।
और इसीलिए भारत सरकार ने एक निर्णय लिया, ये निर्णय करने में मैं इसके पीछे था क्योंकि की इस निर्णय के पीछे फ्यूल और फूड का झगड़ा था, मैने प्रधानमंत्री को कहा की देखो इस निर्णय के पीछे किसानों का हित है और वो निर्णय ये किया की इस देश का किसान केवल अन्न दाता नही बनेगा, इस देश का किसान ऊर्जा दाता बनेगा।
और इसलिए हमने पहला निर्णय किया की शुगर केन जूस से इथेनॉल बनाने की अनुमति दी।
गोंदिया जिले से जितना चावल एक्सपोर्ट होता है इसकी कीमत 12000-15000 करोड़ होगी,और इस चावल एक्सपोर्ट करने में लॉजिस्टिक कॉस्ट बहुत ज्यादा लगती है, और ये ड्राय पोर्ट या सेटेलाइट पोर्ट का अर्थ यही होता है की समुंद्र को, मुंबई के समुंद्र को हमने आपके पास लाए।
आपने जो जगह बताई है, ऑलरेडी में MIDC के साथ सांगली मे, सोलापुर मे,नाशिक मे हम लोग ड्राई पोर्ट बना रहे है,।
भंडारा गोंदिया और बालाघाट जिले का पूरा चावल वहा से एक्सपोर्ट होगा, लॉजिस्टिक कॉस्ट कम होगी, किसानों को चावल के भाव ज्यादा मिलेंगे उनका फायदा ज्यादा होगा।
मैं तुरंत इस ड्राई पोर्ट का काम तुरंत शुरू करने के लिए तैयार हूं पैसा इन्वेस्ट करने के लिए तैयार हूं।
DGR विशेष
नितिन गडकरी कहिन - चावल उगाने वाले किसानों का भविष्य अच्छा नहीं है...!
- 01 Jun 2022