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इंदौर

नई लोहामंडी में प्लाट ले लिए फिर शहर में आ डटे

  • 27 Apr 2022

इंदौर। हाथीपाला जूनी इंदौर से लेकर शहर में लोहा व्यापार करने वालों ने स्कीम नंबर 78 में 2006 में प्लाट ले लिए। 323 सदस्यों ने प्लाट लिए लेकिन वहां व्यापार करने की बजाय फिर शहर में आ गए। शहर का ट्रैफिक फिर लोहे से भरे ट्रकों की वजह से अस्त व्यस्त होने लगा है।
ट्रैफिक जाम का कारण बनी पुरानी लोहामंडी जूनी इंदौर को शहर से बाहर स्कीम नंबर 78 देवास नाका पर शिफ्ट करने की प्रक्रिया 2006 में शुरू हुई। साढ़े तीन सौ के लगभग प्लाट में से 323 सदस्य बताकर इंदौर लोहा व्यापारी एसोसिएशन को प्लाट इंदौर विकास प्राधिकरण ने सशर्त अलॉट किए कि लोहा व्यापार सरीये गर्डर, एंगल वहीं उतारकर बेचेंगे। 220 व्यापारियों ने दुकान का निर्माण करवायसा। 89 ने काम भी शुरू नहीं किया। इंदौर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की बात लोहा व्यापारी सुनने को तैयार नहीं है। 2012 में नक्शे पास हो गए। कई व्यापारियों ने तो आज तक नक्शे पास नहीं करवाए। आज भी जूनी इंदौर और हाथीपाला में सड़कों पर लोहे का कारोबार चल रहा है। ट्रकों की आवाजाही से शहर में हर दिन चक्काजाम होता है लेकिन व्यापारी मानने को तैयार नहीं है। स्कीम नंबर 78 में प्लाट लेकर भी पुरानी जगह हाथीपाला, सियागंज, जूनी इंदौर में ही आ गए हैं वहीं से धंधा कर रहे है।
इंदौर विकास प्राधिकरण अब कड़ी कार्रवाई के मूड में है। स्कीम नं 78 में लोहा व्यापारियों को प्लाट मात्र 3486 रू. प्रति प्लाट प्रति साल की मामूली लीज पर दिए गए हैं। व्यापारियों का कहना है कि वहां सुरक्षा व्यवस्था नहीं है।
शहर में बन गई एक और अवैध लोहामंडी
छोटा बांगड़दा रोड एमआर 5 प्रस्तावित पर भी एक और अवैध लोहा मंडी बन गई है। यहां लोहा पत्थर ग्रेनाइड, फर्शी, सीमेंट की अवैध मंडी तैयार हो गई है। जिला प्रशासन, इंदौर विकास प्राधिकरण व नगर निगम इस ओर से आंखे मूंदे हुए है।