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विविध क्षेत्र

नई विशिष्ट सुविधाओं के साथ नया भवन

  • 01 Aug 2023

नए संसद भवन का शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नई दिल्ली में नए संसद भवन की आधारशिला रखी, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, कैबिनेट मंत्रियों और विभिन्न देशों के राजदूतों ने भाग लिया था ।
नए संसद भवन का डिजाइन
140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को दर्शाने वाला नया संसद भवन वर्तमान संसद भवन के पास बनाया गया है। इसे पद्म श्री वास्तुकार विमल पटेल ने डिजाइन किया है।
नए संसद भवन की रूपरेखा
नई संसद त्रिकोणीय आकार इष्टतम स्थान उपयोग सुनिश्चित करता है।
एक समूह के रूप में कार्य करना
कार्य की सुगमता के लिए नई और वर्तमान संसद भवन का साथ-साथ उपयोग किया जाएगा। इससे संसद के सुचारू और कुशल संचालन में सुविधा होगी।
रोजगार सृजित
नया संसद भवन संपूर्ण निर्माण मूल्य श्रृंखला के आर्थिक पुनरोद्धार में योगदान का साक्षी बना। कुशल, अर्ध-कुशल और अकुशल कामगारों के लिए रोजगार का अवसर सृजित करने वाला बना है।
भूकंप सुरक्षित इंफ्रास्ट्रक्चर
दिल्ली अभी सिस्मिक जोन-4 में है और डिजाइन सिस्मिक जोन-5 के हिसाब से तैयार किया गया है। पुराना भवन जब बना तो दिल्ली सिस्मिक जोन-2 में थी ।
विशाल विधायी कक्ष
नए भवन में विधायिका के लिए बड़े कक्ष बनाए गए हैं। 
संयुक्त सत्र के लिए लोकसभा कक्ष में अधिकतम 1272 सीटें।
• इसका त्रिकोणीय आकार इष्टतम स्थान उपयोग सुनिश्चित करता है।


कण-कण में एक भारत, श्रेष्ठ भारत के दर्शन
राष्ट्रीय पक्षी : मयूर की थीम पर आधारित लोकसभा कक्ष जिसमें 888 सीटें हैं। पुरानी लोकसभा में 550 सीटें हैं। यह साइज में तीन गुना बड़ी है।
राष्ट्रीय फूलः कमल की थीम पर आधारित राज्यसभा कक्ष में 384 सीटें हैं जबकि पुराने कक्ष में 250 सीटें हैं। इसकी जालियों और फर्नीचर पर भी राष्ट्रीय पुष्प की झलक है।
राष्ट्रीय वृक्षः संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद लगाया गया है।
त्रिभुजाकार डिजाइन: नए संसद भवन का डिजाइन
त्रिकोणीय है जो चार मंजिला है। डिजाइन में लोकसभा, राज्यसभा और एक खुला आंगन है।
सत्यमेव जयतेः नए संसद भवन के गेट पर अशोक चक्र बना है और सत्यमेव जयते लिखा है।
अत्याधुनिक संवैधानिक हॉल डिजाइन: संविधान
कक्ष प्रतीकात्मक और भौतिक रूप से भारतीय नागरिकों को हमारे लोकतंत्र के केंद्र में रखता है।
•अत्यंत आधुनिक कार्यालय स्थल: भवन में ऐसे कार्यालय हैं जो सुरक्षित, कुशल और नवीनतम संचार प्रौद्योगिकी से सुसज्जित हैं।
अत्याधुनिक ऑडियो: नए भवन में बड़े समिति कक्ष हैं जो नवीनतम ऑडियो-विजुअल प्रणालियों से सुसज्जित हैं। 
ऊर्जा-कुशल संसदः प्लेटिनम रेटेड हरित भवन, हमारा नया संसद भवन पर्यावरणीय निरंतरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गया है।


एक बेहतर पुस्तकालय अनुभवः पुस्तकालय संग्रहित सामग्री से जानकारी जुटाने में सदस्यों की कुशलतापूर्वक सेवा करेगा। भारतीय विरासत का एक अवतार: नया संसद भवन आधुनिक भारत की जीवंतता और विविधता को परिलक्षित करने वाला है, जिसमें हमारी सांस्कृतिक, क्षेत्रीय कला और शिल्प शामिल है।
दिव्यांग हितैषी : नया संसद भवन दिव्यांगों के अनुकूल बनाया गया है। दिव्यांग बिना रोक-टोक, किसी की मदद के बिना सैर में सक्षम होंगे। सेंट्रल लाउंज : खुले प्रांगण के पूरक के तौर पर सेंट्रल लाउंज बनाया गया है। यह सदस्यों के आपसी चर्चा करने की एक जगह के तौर पर है।
लकड़ी के ढांचे का उपयोग: नए संसद भवन में पारंपरिक रूपांकनों और तत्वों में निहित आंतरिक और बाहरी सजावट के निर्माण के लिए लकड़ी के ढांचे का व्यापक उपयोग किया गया है।
नागपुर से लकड़ी: लकड़ी का डिजाइन मुंबई, महाराष्ट्र के कारीगरों और शिल्पकारों ने तैयार किया है। सागौन की इसी लकड़ी से दोनों सदन में अशोक चक्र बना है।
गुजरात का मार्बल: गुजरात का सफेद मार्बल लगा है तो राजस्थान का शानदार स्टोन वर्क है। त्रिपुरा की बैम्बू वुड फ्लोरिंग है। लकड़ी के जटिल डिजाइनों से नए संसद भवन की भव्यता और दिव्यता बढ़ी है। यह भवन सभी वर्गों और प्रांतों ने मिलकर बनाया है।
भदोही का कालीन
• नए संसद भवन में उत्तर प्रदेश के भदोही से हाथ से बुने हुए कालीन लगाए गए हैं। भदोही हाथ से बुने हुए खूबसूरत कालीनों के लिए लोकप्रिय है, जिससे इसे 'कार्पेट सिटी' का नाम मिला है।
'नाट-बाई- नाट' तकनीक के लिए प्रसिद्ध डिजाइन की सुंदरता उस तरह से आती है जिस तरह से शिल्पकारों द्वारा उंगलियों का उपयोग करके जटिल तरीके से नॉट्स (गांठें) बनाई जाती हैं। 'नाट-बाई- नाट' कालीन बनाने के इस पारंपरिक और प्रसिद्ध शिल्प से नए भवन की भव्यता में बढ़ोतरी हुई है।
• भदोही की अनूठी शिल्प तकनीक को बढ़ावा मिलेगा, कारीगरों के लिए आजीविका के भावी अवसर बढ़ेंगे।

-संकलनकर्ता
एल एन उग्र, पीआरओ