1999 से शहडोल रेंज के दायरे था यह जिला, पुलिस और हॉक फोर्स की निगरानी बढ़ेगी
बालाघाट। नक्सल प्रभावित डिंडौरी जिला को बालाघाट रेंज में शामिल किया गया है। सरकार ने पुलिस सिस्टम में बदलाव करते हुए रविवार को नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। यानी इस जिले की पुलिस अब बालाघाट आईजी (पुलिस महानिरीक्षक) के अधीन रहेगी। यह जिला पिछले 22 साल से शहडोल रेंज का हिस्सा था।
बदलाव की वजह है कि डिंडौरी के जंगलों में नक्सली गतिविधिंया बढ़ रही हैं। चूंकि नक्सल प्रभावित मंडला जिले की सीमा डिंडौरी से लगी है। जहां विशेष रूप से नक्सलियों से मुकाबला करने के लिए जिला पुलिस के अलावा हॉक फोर्स, बटालियन कंपनियां का दायरा बढ़ाकर डिंडौरी तक किया जाएगा। मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि कान्हा नेशनल पार्क के आसपास नक्सलियों का नया ठिकाना बनाया है। हाल में हुई कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के दौरान यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने आई थी कि नेशनल पार्क से लगे कुछ गांव डिंडौरी जिले की सीमा के करीब हैं। बैठक में इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर बताया गया कि जनवरी 2021 में परसवाड़ा, दोरा और छरेगांव में नए दलम (नक्सली) के नए ग्रुप की मौजूदगी देखी जा रही है। इस तरह 30 नक्सलियों का नया ग्रुप कान्हा नेशनल पार्क के आसपास के इलाके में बनाया गया है।
पुलिस की तरफ से बताया गया कि पिछले दो सालों में 7 हार्डकोर माओवादी (्रष्टरू) पुलिस के साथ मुठभेड में मारे गए। 3 को गिरफ्तार किया गया। इनसे भारी मात्रा में विस्फोटक जब्त किया गया। यह भी बताया गया कि पिछले दो साल से तेंदूपत्ता ठेकेदारों से रंगदारी लगभग बंद हो गई है। नक्सलियों के बढ़ते दायरे को रोकने के लिए अब सुरक्षा बलों का फोकस अब डिंडौरी जिले पर भी रहेगा।
केंद्र ने नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल किया
केंद्र सरकार डिंडौरी को नक्सल प्रभावित जिले में शामिल कर चुकी है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने भी मध्य प्रदेश पुलिस रेग्युलेशन में संशोधन करके डिंडौरी को बालाघाट पुलिस रेंज में शामिल कर लिया है। यह अब तक शहडोल रेंज में आता था। इस बदलाव से जहां क्षेत्र में पुलिस और हॉक फोर्स की निगरानी बढ़ जाएगी। वहीं, जिले को नक्सल समस्या से निपटने के लिए जरूरी संसाधन भी उपलब्ध होंगे। रेंज परिवर्तन के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हस्ताक्षर करने के बाद गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।
डिंडौरी के तीन थाना क्षेत्र प्रभावित
गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि डिंडौरी के समनापुर, बजाग, करंजिया थाना क्षेत्र नक्सल प्रभावित हैं। छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे इन तीनों थाना क्षेत्रों में एक-एक चौकी भी खोली जाएगी। इसके साथ ही अधोसंरचना विकास के काम तेज गति के साथ होंगे। पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देने के साथ अन्य सुविधाओं का विस्तार भी किया जाएगा।
जुलाई में हुई थी बड़ी कार्रवाई
जुलाई 2021 में बालाघाट पुलिस ने नक्सलियों के लिए लाए गए हथियार पकड़े थे। आठ व्यक्ति किरनापुर कीन्ही के जंगल में नक्सलियों तक हथियार पहुंचाने के फिराक में घूम रहे थे। इनके कब्जे से पिस्टल, एके-47 की मैग्जीन, जिलेटिन की आधा दर्जन से ज्यादा छड़ सहित अन्य सामग्री बरामद की गई थी। आरोपितों ने पूछताछ में स्वीकार किया था कि बीते कुछ माह में उन्होंने कई बार नक्सलियों तक हथियार पहुंचाए हैं।
शहडोल रेंज में अब 3 जिले
अब शहडोल रेंज में अब तीन जिले शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिले ही होंगे, जबकि बालाघाट रेंज में तीन जिले बालाघाट, मंडला और डिंडौरी होंगे। नई व्यवस्था के तहत अब नक्सल प्रभावित जिले में शामिल होने के बाद डिंडौरी में पुलिस बल में वृद्धि के साथ संसाधन भी बढ़ाए जाएंगे। केंद्रीय सुरक्षा बल के साथ हॉक फोर्स के जवान भी तैनात होंगे। हॉक फोर्स का मुख्यालय बालाघाट में है। एक ही रेंज में तीनों नक्सल प्रभावित जिले आने से प्रशासनिक नियंत्रण के साथ कार्ययोजना पर ठीक से अमल हो सकेगा।
राज्य
नक्सल प्रभावित डिंडौरी अब बालाघाट रेंज मे
- 04 Dec 2021