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नकली शराबकांड - हो रहे नित नए खुलासे

  • 03 Aug 2021

अनेक तस्करों का पता चला, कार्रवाई के चलते हुए फरार
इंदौर। नकली शराब कांड का मामला उजागर होने के बाद जिन तस्करों को पुलिस और आबकारी विभाग ने पकड़ा है। उनसे हो रही पूछताछ में अनेक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इस पूछताछ के आधार पर पुलिस ओर आबकारी विभाग अपने-अपने स्तर पर कार्रवाई कर रहे हैं।
शहर में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद पुलिस की कार्रवाई जारी है। जहरीली शराब के चर्चित सप्लायर मांधाता के कालका प्रसाद उर्फ कल्लन की कॉल डिटेल्स में इंदौर, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, रतलाम, मंदसौर, नीमच समेत कई शहरों के शराब तस्करों के बारे में जानकारी मिली है। अब प्रदेश स्तर पर अभियान चलाकर इन माफियाओं को दबौचने की प्लानिंग शुरु हो गई है।
कल्लन ने तैयार किया बड़ा नेटवर्क
बताते हैं कि कल्लन कई सालों से इस गोरखधंधे में सक्रिय है। उसने अवैध शराब का बड़ा नेटवर्क तैयार कर लिया है। नेटवर्क में इंदौर से ज्यादा बाहर के तस्करों को शामिल किया गया है। वह जो नकली शराब बनाता था उससे उसे 6 गुना तक पैसा मिल जाता था। पुलिस को इंदौर से जुड़े दो नाम श्याम व निजाम के पता चले हैं ये कल्लन के खास बताए जाते हैं। इनके संबंध भी प्रदेश के कई तस्करों से मिले हैं।
मनीष सुखवानी रिमांड पर
शराब कांड में जूनी इंदौर पुलिस बुरहानपुर के जिस मनीष सुखवानी को पकड़ा था उसे पुलिस ने सोमवार को कोर्ट में पेश कर कोर्ट से दो दिन के रिमांड पर लिया है। पुलिस उससे बुरहानपुर के जिस मदान ठेकेदार से वह शराब खरीदना था,उससे भी पूछताछ करेगी। सिंधी कॉलोनी के प्रॉपर्टी ब्रोकर तरुण रिजवानी के बारे में पता चला है,नकली शराब के कारण उसकी सेहत दिनों दिन खराब होती जा रही है।  शुगर व ब्लड प्रेशर बढने के साथ ही आंखों से भी दिखना कम हो गया।
बैंक कैशियर की हालत में सुधार नहीं
 सपना बार में जहरीली शराब पीने वाले बैंक केशियर की हालत बिगड़ती जा रही है। उसे न तो दिख रहा है ना होश है। परिवार वाले अब तक 5 लाख रुपए खर्च कर चुके हैं। उन्होंने हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है। नकली शराब के प्रभाव में आने के बाद अभी भी कुछ लोग जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे हैं उसमें एक मोहन सिंह चौहान है जो महेश नगर का निवासी है। मोहन एक बैंक में कैशियर के पद पर पदस्थ है। शराब कांड के बाद उसकी हालत बिगड़ी थी। परिजनों ने उसे बॉ बे हॉस्पिटल में भर्ती कर रखा है। उसके रिश्तेदार के मुताबिक अब तक 5 लाख रुपए खर्चा हो चुका है लेकिन मोहन जिंदा लाश ही बना हुआ है। उसके शरीर में कोई हलचल नहीं है। उसे दिख भी नहीं रहा है।
बायपास रोड के ढाबे निशाने पर
नकली और अवैध शराब की आशंका में आबकारी विभाग के निशाने पर बायपास रोड के कुछ ढाबे भी हैं। आबकारी अधिकारियों को आशंका है कि इन ढाबों पर रात में ओपी उतरती होगी और इसका उपयोग नकली शराब बनाने में किया जाता है। इसके लिए आबकारी अमले के दल बनाकर छापामार कार्रवाई की जा सकती है। इस बीच अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ चल रहे अभियान के कारण शहर से नकली शराब के कई कारोबारी आबकारी अमले को चकमा देकर भाग गए हैं। पहले पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ में कुछ नाम सामने आए हैं, लेकिन जब आबकारी अमला उनकी तलाश में पहुंचा तो वे गायब मिले। पंकज वाधवानी, सुनील नोटवानी के अलावा आबकारी अधिकारियों को अनिल शर्मा नाम के एक और व्यक्ति का पता चला है जो नकली और अवैध शराब के धंधे में लिप्त है। सहायक जिला आबकारी अधिकारी राजीव द्विवेदी ने बताया कि अवैध शराब का कारोबार करने वाले हमारी निगरानी में हैं। इनको पकडऩे के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
पुलिस -आबकारी विभाग चिंतित
जहरीली शराब की जांच में ये बात सामने आई थी कि नकली रायल स्टेग ने कई मदिरा प्रेमियों की जान ले ली है।  सपना और पेराडाइज बार सील कर दिए । दूसरी बारों से भी शराब के से पल लेकर इन्हें फोरेंसिक जांच के लिए राऊ की लैब में भेजा गया। पता चला है कि यहां पर करीब 100 से ज्यादा से पल जांच के लिए आए हैं। सुविधाओं के अभाव में इस लैब में जल्दी ही इन से पल की जांच नहीं हो सकती है। इस समस्या को लेकर लेब और पुलिस,आबकारी विभाग चिंतित दिख रहा है। वैसे भी लैब में सैकड़ों मामले जांच के लिए पहले से ही लंबित हैं। वैसे पुलिस और आबकारी विभाग ने भी लैब के टेक्निशियन से आग्रह किया है कि वे जांच जल्दी से दें।