2000 शादियां करवाईं, चक्काजाम करवाता हूं, मैंने राम बारात निकाली, भंडारे करवाए और लॉकडाउन में राशन भी बांटा
इंदौर/भोपाल। नगरीय निकाय चुनाव में पूरे प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस से टिकट पाने के लिए दावेदार एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। इसके चलते अपने-अपने आकाओं (बड़े नेता) के पास जाकर जो काम किए हैं वह गिना रहे हैं और बता रहे हैं कि उन्होंने क्या-क्या किया है। कोई नेता दावा कर रहा है कि मैंने दो हजार शादियां कराई तो किसी ने चक्काजाम करवाने का दावा किया है। वहीं राम बारात निकालने, भंडारे करवाने और लॉक डाउन में राशन बंटवाने का भी दावा किया है। फिलहाल इंदौर और भोपाल में दोनों ही प्रमुख दलों में इस तरह की स्थिति देखी जा रही है।
दरअसल नगरीय निकाय चुनाव को लेकर वार्ड में लंबे समय से काम कर रहे कार्यकर्ताओं में उम्मीदवार बनने के लिए खास उत्साह देखा जा रहा है। हर वार्ड से कार्यकर्ता अपने अनुभव और मैदान में किए गए कामों के आधार पर नेताओं से टिकट की डिमांड कर रहे हैं। आलम ये है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों से हर वार्ड के 5 से 6 प्रमुख दावेदार अपने द्वारा किए गए कार्यों की सूची के साथ जिलाध्यक्ष के साथ-साथ वरिष्ठ नेताओं के पास अपने आवेदन भेज रहे हैं। अब तक करीब 600 से ज्यादा आवेदन पहुंच चुके हैं।
भोपाल में पार्षद के लिए टिकट मांगी रही एक उम्मीदवार ने दावा किया है कि 2004 से वो सक्रिय सदस्य हैं। वार्ड में उन्होंने सक्रिय रहते हुए हेल्थ कैंप और आई चैकअप कैंप का आयोजन करवाया। अंतिम संस्कार में गरीब परिवारों की मदद की। सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन में शामिल रही। वहीं वार्ड टिकट मांग रही एक उम्मीदवार ने टिकट की डिमांड करते हुए दावा किया है कि वे बीए-एमए पास हैं। 2012 से सक्रिय सदस्य हैं। संगठन में अलग-अलग पदो पर रह चुकी हैं। सरकार विरोध आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। धरना-प्रदर्शन में आगे रही। इसी प्रकार एक दावेदार ने लिखा है कि एक विशेष वर्ग को टिकट नहीं दिया जा रहा है कि इसलिए प्रत्याशी हार रहा है। उनको टिकट दिया जाए तो चुनाव जीत सकते हैं। वो लंबे समय से सक्रिय सदस्य हैं। लोगों की हमेशा मदद करते आए हैं।
यही नहीं चुनाव लडऩे के लिए एक उम्मीदवार ने अपनी दी गई जानकारी में बताया है कि 2003 से वार्ड में सक्रिय सदस्य हैं। उनके प्रयासों से स्ट्रीट लाइटें लगवाई। कोरोना काल में लोगों को मुफ्त खाना बांटा। 2018 से अब तक 2 हजार लोगों का विवाह करवा चुके हैं, जबकि टिकट मांग रहे एक अन्य दावेदार ने अपनी जानकारी में लिखा है कि पिछले कई सालों से वो सक्रिय सदस्य हैं। ओबीसी वर्ग से आते हैं। हर बार पार्टी को बढ़ चढ़ कर वोट दिलाने काम किया है। हर तरह के आंदोलन में सक्रिय रहे हैं। इसलिए उनकी पत्नी को टिकट दिया जाए। इसी तरह एक उम्मीदवार ने जानकारी दी है कि कोरोना काल में खाने के पैकेट बांटे। बचपन से ही सिर्फ पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। 2008 से पीडीएस दुकान चला रहा हूं। सरकार की योजनाओं का लोगों को लाभ पहुंचा रहा है। लोगों के घरों में चुनाव की पर्ची पहुंचाने से लेकर तमाम तरह के काम कर चुके हैं।
सरपंच बनने भी फर्जीवाड़ा
लाखों का बिजली बिल बकाया, फर्जी सील और साइन से बना लिए नो-ड्यूज
गुना। पंचायत चुनाव के दौरान अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं। यहां सरपंच और पंच का चुनाव लडऩे के लिए आठ उम्मीदवारों ने बिजली विभाग के फर्जी नो-ड्यूज ही तैयार कर लिए। बिजली विभाग के अधिकारी की सील तक उन्होंने बनवा ली। उसके हस्ताक्षर कर फर्जी नो-ड्यूज बना लिया। जब मामला संज्ञान में आया तो इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। वहीं एक मामले की शिकायत मिलने के बाद जांच की जा रही है। बता दें कि पंचायत चुनाव लडऩे वालों के लिए बिजली विभाग की फॉर्म के साथ जमा कराना जरूरी है। नो-ड्यूज बनाने के लिए प्रशासन ने बिजली विभाग के अलग-अलग सेन्टर भी बनाये थे, ताकि उम्मीदवारों को ज्यादा दूर न जाना पड़े। कई क्लस्टर बनाकर वहीं से हृह्रष्ट दी जा रही थी। कई उम्मीदवार ऐसे थे, जिन पर लाखों रुपये का बिजली बिल बकाया था। बिल की राशि जमा करने के बाद ही उन्हें नो-ड्यूज जारी किया जा रहा था। राघोगढ़ जनपद के जामनेर इलाके में चार उम्मीदवारों को सरपंच और पंच पद पर चुनाव लडऩा था। कलेक्टर के पास इनकी शिकायत पहुंची कि उम्मीदवार सुमनबाई पत्नी गोविंद सेन खेजड़ा, ममता बाई पत्नी बृजकुमार ग्राम दीतलवाड़ा, जगमोहन मीना दीतलवाड़ा और सिताराबाई पत्नी सलीम खान ग्राम डोंगर द्वारा फर्जी सील और हस्ताक्षर कर नो-ड्यूज कराया गया है। जांच की गई तो शिकायत सही पाई गई। इसके बाद बिजली कंपनी के सहायक प्रबंधक अमितकुमार लखेरा ने जामनेर थाने में धारा 420 के तहत मामला दर्ज कराया। पुलिस मामले की जांच करने में जुटी है। आरोन में भी किया फर्जी नो-ड्यूज तैयारराघौगढ़ एसडीएम अक्षय ताम्रवाल ने बताया कि आरोन के सिरसी गांव में भी उम्मीदवारों ने फर्जी सील और हस्ताक्षर कर नो-ड्यूज तैयार कर नामांकन पत्र दाखिल किया है। इस मामले की जांच की जा रही है। शनिवार को वह भी खुद मौके पर जाएंगे। उधर, आरोन के बिजली कंपनी के अधिकारियों ने भी इस बात की जानकारी कलेक्टर को उपलब्ध कराई है।
चुनाव में हिंसा रोकने... 50 हजार पर होगी वाउंड ओवर की कार्रवाई, 10 हजार पर हो चुकी
मुरैना। पंचायत चुनावों की नामांकन वापसी आज होगी। यानी आज शाम तक तय हो जाएगा कि जिला पंचायत, जनपद पंचायत, सरपंच और पंच पद की किस सीट पर कितने प्रत्याशी आमने-सामने हैं। आज ही प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित हो जाएंगे और प्रचार-प्रसार का शोर शुरू हो जाएगा। चंबल अंचल के इन चुनावों में जमकर विवाद व झगड़े होते हैं। इसे रोकने के लिए निगरानी बदमाशों के साथ-साथ चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों व उनके उत्साही समर्थकों पर वाउंड ओवर की कार्रवाई की जा रही है। एसपी आशुतोष बागरी ने बताया कि जिलेभर में 50 हजार लोगों पर वाउंड ओवर की कार्रवाई का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्रवाई की शुरुआत 27 जून से शुरू हुई और अब तक 10 हजार से ज्यादा लोगों पर वाउंड ओवर की कार्रवाई तय भी हो चुकी है। इसके तहत जिला पंचायत सदस्य के प्रत्याशी व उनके प्रस्तावक से एक-एक लाख रुपये का वाउंड ओवर भरवाया जा रहा है। इसी तरह जनपद सदस्य के प्रत्याशी व प्रस्तावक से 60-60 हजार। सरपंच पद के प्रत्याशी व प्रस्तावक से 40-40 हजार रुपये का वाउंड ओवर भरवाया जा रहा है। इनके अलावा हर प्रत्याशी के 10-10 उत्साही समर्थकों पर भी 20-20 हजार रुपये तक के वाउंड ओवर की कार्रवाई हो रही है। वाउंड ओवर की मियाद छह महीने रहेगी। इसके तहत संबंधित व्यक्ति पर छह महीने तक किसी से झगड़ा नहीं करने की बंदिश लगाई जाती है, अगर वाउंड ओवर हुए जिपं के प्रत्याशी या उसके प्रस्तावक ने किसी से झगड़ा किया तो उनसे एक-एक लाख रुपये का जुर्माना वसूल कर, जेल भेजा जाएगा।
राज्य
नगरीय निकाय चुनाव 2022... टिकट के लिए एक से बढ़कर एक दावे
- 11 Jun 2022