बैतूल। बैतूल में भालू के बच्चे का रेस्क्यू किया गया। नन्हे भालू का पैर 24 घंटे से पेड़ के तनों के बीच फंसा था। पास ही मादा भालू भी घूम रही थी। रेस्क्यू के लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और वन विभाग की टीम तो पहुंची, लेकिन मादा भालू को पास देखकर बच्चे को रेस्क्यू करना आसान नहीं था। टीम ने आग जलाकर पहले मादा भालू को वहां से दूर किया। इसके बाद लकड़ी की मदद से भालू के पैर को बाहर निकाला गया। मामला मुलताई में सदाप्रसन्न घाट के वन क्षेत्र का है।
ऐसे हुआ रेस्क्यू
स्थानीय बीट गार्ड ने परिक्षेत्र अधिकारी मुलताई अशोक राहंगडाले को जानकारी दी। सावरी बीट के कक्ष पीएफ-939 की पहाड़ी पर टीम पहुंची। दिक्कत ये थी कि नन्हे भालू की मां वहीं आसपास ही घूम रही थी। वह टीम पर हमलावर भी हो सकती थी। ऐसे में एसटीआर टीम को बुलाया गया। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम के गुरुदत्त शर्मा एवं उप वनमंडलाधिकारी मुलताई जीएल जौनवार, वन परिक्षेत्र अधिकारी मुलताई अशोक राहंगडाले की मौजूदगी में रेस्क्यू कर गुरुवार को भालू को जंगल में छोड़ा गया।
आग, बाजे का किया इंतजाम
रेस्क्यू कठिन था। भालू का बच्चा पेड़ के तने में फंस गया था। उसे निकालते समय उसके हमलावर होने की भी आशंका थी। यही नहीं उसके पास मौजूद मादा भालू के भी हमला करने का डर बना हुआ था। इसलिए टीम ने रेस्क्यू से पहले बाजा बजाया, इसके बाद मशाल जलाकर मादा भालू को दूर किया। लंबा तार पेड़ के तने पर बांधा गया। टीम ने इसे खींचकर पेड़ का एक तना तोड़ा, जिसके बाद भालू का बच्चा मुक्त हो सका। एसडीओ फॉरेस्ट जौनवार के मुताबिक भालू करीब 24 घंटे तक इस तने में फंसा था।
बैतूल
नन्हे भालू का रेस्क्यू
- 10 Dec 2021