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भोपाल

नर्मदा को प्रदूषित होने से रोकने पहल

  • 02 Aug 2021

भोपाल। कोरोनाकाल में इसी साल मई और जून में भोपाल में करीब 3500 लोगों का अंतिम संस्कार भदभदा विश्राम घाट पर हुआ था। इनमें ज्यादातर कोविड मरीज थे। इससे यहां करीब 21 डंपर राख निकली। यदि इसे नर्मदा नदी में प्रवाहित कर दिया जाता, तो नदी में प्रदूषण बढ़ जाता। इससे बचने के लिए विश्रामघाट कमेटी ने नई योजना बनाई। तय हुआ कि जो भी राख निकली है, उसमें से अस्थियां निकालकर नदी में बहाई जाएंगी। बची हुई राख को विश्रामघाट परिसर में ही डालकर मिट्?टी में दबा देंगे। इससे तैयार जमीन पर पौधे रोपकर दिवंगत स्मृति वन तैयार करेंगे। जिन कोविड मृतकों का यहां अतिम संस्कार हुआ, उनके परिजनों की भी सहमति ली गई। सब राजी हो गए। बीते डेढ़ महीने में यहां करीब 3 हजार पौधे परिजनों ने अपनों की याद में रोप दिए हैं। इसी तरह, छोला विश्रामघाट में भी तैयार हो रहे स्मृति वन में दो महीने में 7 हजार पौधे लग चुके हैं। यहां कुल 65 हजार पौधे लगने हैं। सुभाषनगर विश्राम घाट पर भी पौधों की संख्या बढ़ रही है।