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इंदौर

नशे पर पूर्णत: नहीं लग पा रहा अंकुश

  • 05 Jul 2023

ड्रग्स के साथ ही नशीली गोलियां भी पुलिस के लिए चुनौती
इंदौर। इंदौर पुलिस ऑपरेशन प्रहार में नशे के सौदागरों यानि तस्करों पर लगातार कार्रवाई कर शिकंजा कसते हुए उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा रही है। बावजूद इसके शहर में नशे की सप्लाई पर पूरी अंकुश नहीं लग पा रहा है और तस्कर लगातार किसी न किसी तरह पुलिस से बचते हुए नशा सप्लाई कर रहे हैं। नशीली ड्रग्स के साथ ही नशीली गोलियां भी पुलिस के लिए चुनौती बन रही है।
दरअसल देखने में आ रहा है कि कॉलोनियोंं, बस्तियों के साथ ही स्टूडेंट की अधिकता वाले सर्कल में नशा बिक रहा है। युवा नशे की लत के आदी हो रहे हैं। पालक परेशान हैं। इन हालातों को देखते हुए पुलिस ने नशे के सौदागरों के खिलाफ प्रहार अभियान चलाया। सैकड़ों नशे के सौदागरों को सलाखों के पीछे किया गया।
जनवरी 2021 में क्राइम ब्रांच ने यहां से 70 करोड़ रुपए की खतरनाक ड्रग्स एमडी पकड़ी। उसका इनवेस्टीगेशन हुआ तो ये खुलासे हुए कि इंदौर में सक्रिय नशे के सौदागरों के तार विदेशों में भी जुड़े हैं। इस मामले में लगातार कार्रवाई करते हुए करीब तीन दर्जन पेडलरों और तस्करों को पुलिस पकड़ चुकी है। हाल ही में भाजपा नेता कमाल खान के बेटे बिलाल को भी इसी मामले में पुलिस ने पकड़ा और कार्रवाई की। वह लंबे समय से फरार चल रहा था उसके खिलाफ पुलिस ने इनाम भी घोषित कर रखा था।
पुलिस कर रही लगातार कार्रवाई  
पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन प्रहार और नारकोटिक्स विंग के द्वारागांजा, ब्राउन शुगर, चरस, अफीम, एमडी ड्रग्स सहित अन्य नशे की तस्करी करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है, बावजूद इसके शहर में तस्कर किसी न किसी तरीके से पुलिस की निगाह से बचते हुए नशा बेच रहे हैं।
बाहर से आ रहा नशा
बीते समय में पुलिस ने नशे की तस्करी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार किया और सख्ती से पूछताछ की तो पता चला कि अधिकांश मादक पदार्थ यानि नशा राजस्थान, मंदसौर, नीमच सहित देश के अन्य राज्यों और शहरों से यहां पर लाकर सप्लाई किया जा रहा है।
नारकोटिक्स विंग एप के जरिए कस रही नशे पर वार
अब नारकोटिक्स विभाग ने भी नशे के सौदागरों का ठिकाना तलाश करने के लिए आम जनता से दोस्ती का हाथ बढाया है। नारकोटिक्स ने एक ऐप बनाया है जिसमें पूरे प्रदेश के उन लोगों से सहयोग लिया जा रहा है जो नशे के सौदागरों की जानकारी इस एप पर देकर नशे से समाज को बचाएं। है। युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए ही नारकोटिक्स विंग ने ये सराहनीय पहल की है। सूत्र बताते हैं कि सात-आठ माह पहले शुरू हुए इस एप से अभी तक 1700 से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं। इसमें इंदौर के 117 लोग भी शामिल हैं। एप से जुडऩे वाले लोगों में डाक्टर इंजीनियर से लेकर नशे से पीडि़त परिवार के सदस्य भी हैं।
ऐसे होती है एप के जरिए कार्रवाई
मध्यप्रदेश पुलिस की वेबसाइट से इस एप से जुड़ा जा सकता है। मध्यप्रदेश पुलिस की वेबसाइट पर नारकोटिक्स वॉलंटियर का लिंक है। इस लिंक के माध्यम से लोग अपनी जानकारी अपलोड करके नारकोटिक्स वॉलंटियर बन सकते हैं। स्थानीय थाना प्रभारी द्वारा इसकी पड़ताल की जाएगी कि जानकारी सही भरी गई है या नहीं। इन वॉलंटियर की जानकारी संबंधित थाने को भी होगी। मु य नारकोटिक्स वॉलंटियर थाना प्रभारी होगा। नारकोटिक्स वॉलंटियर मादक पदार्थ के सप्लायर को गली-मोहल्लों में आने से रोकने में सहयोग करेगा। इस एप के जरिए थाना प्रभारी को नशे के सौदागरों की जानकारी मिलेगी और उन्हें सलाखों के पीछे किया जाएगा। पुलिस नशे के सौदागरों के बारे में जानकारी देने वाले का नाम पूरी तरह गुप्त रखती है।
गुंडे-बदमाशों का सस्ता नशा गोलियां  
नशीली गोली नाइट्रावेट पर प्रतिबंध के बाद अब बाजार में अल्प्राझोलम ने कब्जा करना शुरू कर दिया है। गुंडे-बदमाशों के लिए सस्ता नशा बनी ये टेबलेट भी नाइट्रावेट से कम घातक नहीं हैं। नारकोटिक्स विभाग ने इसके खिलाफ अभियान चलाया है,इसके अच्छे परिणाम सामने आने की उम्मीद है। बताते हैं कि ड्रग्स के साथ ही अल्प्राझोलम की अवैध बिक्री चुनौती बन गई है।  अवैध शराब बेचने वाले भी इसका उपयोग करने लगे हैं। ये नशीली टेबलेट के सहारे अवैध शराब बना देते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक है। दवा व्यवसाय से जुड़े लोग पैसा कमाने के लिए इसका अवैध धंधा करते हैं। अल्प्राझोलम की खेप के साथ पकड़े गए दर्जनों आरोपियों से जब पुलिस ने पूछताछ की तो ये तथ्य सामने आया है कि नशीली गोलियों के सौदागर के तार पूरे देश में फैले हैं। शहर में तो कई अन्य स्थानों से लाकर भी ये नशीली टेबलेट बेची जाती है।
नाबालिग हो रहे शिकार
शहर में मादक पदार्थ गांजा,चरस ब्राउन शुगर के साथ ही एमडी ड्रग्स बेचने वाले भी आए दिन पकड़े जाते हैं। इन नशे के कारोबारियों के तार प्रदेश,देश ही नहीं विदेशों तक जुड़े हुए हैं। स्मार्ट सिटी में नशे सौदागरों की संख्या बढती जा रही है। शहर में हजारों की संख्या में युवा नशे के आदी हो चुके हैं। अब तो नाबालिग भी नशे की लत का शिकार हो रहे हैं। नशे की लत को पूरा करने के लिए ये लूट और चोरी की वारदात करने से भी नहीं कतराते यही वजह है कि पुलिस ने कुछ दिनों में पकड़े दर्जनों नाबालिगों को वाहन चोरी,मोबाइल लूट जैसे केस में गिरफ्तार किया तो उन्होंने भी पूछताछ में यही बताया कि वे नशे की लत को पूरा करने के लिए इस तरह की वारदातें करते हैं।
जनप्रतिनिधि जता चुके हैं नाराजी
रेसीडेंसी कोठी में गत दिनों जनप्रतिनिधियों ने नशे को लेकर बैठक में अफसरों के सामने नाराजगी जाहिर की। जलंससाधन मंत्री तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव के साथ ही कई विधायक, भाजपा नेता बैठक में शामिल हुए। पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर व कलेक्टर इलैया राजा टी के सामने नशे को लेकर इन जनप्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी। अफसरों को बताया कि नशा शहर में खुलेआम बिक रहा है। दुकानों से गांजे की सिगरेट बेची जा रही है, पबों में सारे नियम टूट रहे है। पहले नशे के तस्करी करने वाले दबे छिपे सक्रिय रहते थे लेकिन अब तक बस्तियों, कॉलोनियों में खुलेआम गांजा, ब्राउन शुगर आदि बेचा जा रहा है।
आमजन का भी सहयोग ले रही पुलिस
एडिशनल पुलिस कमिश्नर,क्राइम राजेश हिंगनकर बताते हैं कि नशे के सौदागरों की धरपकड़ के लिए आपरेशन प्रहार चलाया जा रहा है। इसके तहत दर्जनों तस्करों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे किया जा चुका है। इस अभियान में पुलिस आम जनता का भी सहयोग ले रही है। डायल 100 और क्राइम वाच पर भी सूचना दी जा सकती है।