इंदौर। नशे की लत और महंगे शौक के चलते कई नाबालिग अपराध की दुनिया में कदम रख देते हैं और ये बाल अपराधी चोरी, लूट सहित अन्य वारदातों को अंजाम देने लगते हैं। हाल ही में पुलिस ने कुछ वारदातों में नाबालिग अपराधियों को पकड़ा तो खुलासा हुआ कि नशे की लत को पूरा करने के लिए इन्होंने चोरी, लूट जैसे अपराध किए हैं। इन अपराधियों में लड़कियां भी शामिल हैं।
नशे के सौदागर नई उम्र के लड़कों और नाबालिगों को अपना टारगेट बनाते हुए इनसे दोस्ती कर नशे की लत लगा देते हैं। पहले तो इन्हें मुफ्त में नशा कराया जाता है और जब इसकी लत उन्हें लग जाती है तो पुडिय़ा के रूप में दिए जाने वाले नशे के रुपए लेने लगते हैं। इसके चलते नशे की लत को पूरा करने के लिए इन्हीं नाबालिगों से चोरी लूट जैसे अपराध कराए जाते हैं। संयोगितागंज पुलिस ने हाल ही में चोरी के मामले में एक गिरोह को पकड़ा तो पता चला कि गिरोह का सरगना साहिल और शैलेंद्र से अपनी स्टाइल में पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वे नशे के लिए कैफे पर बैठकर बाहर से पढऩे इंदौर आने वाले नाबालिग विद्यार्थियों को टारगेट करते थे। पहले उनसे दोस्ती करते थे और फिर उन्हें फ्री में नशीला पाउडर पिलाकर नशे की लत लगाते थे, जिसके बाद उनके वाहनों से चोरी की घटना को अंजाम देते थे। पुलिस ने ऐसे कई नाबालिगों को उनके परिजनों के सहयोग से नशे की लत से दूर करवाया।
ब्राउन शुगर, चरस, गांजा, अफीम सहित अन्य मादक पदार्थों की तस्करी में आरोपियों के पकड़ाने पर यह बात भी सामने आई है कि कुछ आरोपी इसलिए तस्करी करने लगे कि वे खुद नशा करते हैं और अपनी इस लत को पूरा करने के लिए रुपयों की जरूरत होने पर वे ही नशा बेचने लगे हैं। वे नाबालिगों को इसलिए नशे की लत का शिकार बनाते हैं, क्योंकि ये इनके साफ्ट टारगेट होते हैं और एक बार नशेड़ी बनने के बाद यह वारदात करने में भी पीछे नहीं हटते। वहीं पुलिस के द्वारा पकडऩे पर इन्हें सजा में कम उम्र का लाभ भी मिल जाता है।
इसलिए भी बढ़ रहे बाल अपराधी
गंभीर अपराधों को अंजाम देने वाले बाल अपराधी अपने महंगे शौक पूरे करने, गर्लफ्रेंड को महंगे गिफ्ट, मौज मस्ती भरा जीवन जीने व शहर में बढ़ती नशे की लत में फंसने के कारण वारदातों में शामिल पाए गए। दरअसल आज आदमी की दिनचर्या व्यस्त हो गई हैं। जिसमें वह यह नहीं देख पा रहा है कि उनका बच्चा क्या कर रहा है। मोबाइल, टीवी में घटनाएं देखकर बच्चे उसे जल्द अपना लेते हैं और शार्टकट रास्ते से महंंगे शौक पूरा करने की कोशिश में अपराधी बन जाता है। देखा गया है कि ऐसे मामलों में अधिकांश मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चे होते हैं और ऐसी ही स्थिति रही तो आने वाले समय में स्थिति भयावह हो सकती है।
बढ़ते बाल अपराध के ये भी कारण
बढ़ते बाल अपराधों के प्रति अभिभावकों को भी जिम्मेंदार माना जा रहा है। अधिक व्यस्तता के कारण अभिभावक बच्चों पर पूरा ध्यान नहीं दे पाते, मोबाइल देकर उसकी निगरानी करना भूल जाते हैं। जिस वजह से बच्चे इसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अलावा संस्कारों की कमीं के कारण भी बच्चे गलत कदम उठा रहे हैं।
मोबाइल लूटने वाली नाबालिगों की गैंग
गत दिनों क्राइम ब्रांच ने मोबाइल लूटने वाली नाबालिगों की गैंग के दो सदस्यों को पकड़ा, जबकि तीन आरोपी फरार हैं। आरोपियों ने एक दर्जन मोबाइल लूटना कबूल किया है। इन लोगों ने कुम्हारखाड़ी के पास गाड़ी खड़ी कर लघुशंका करने जा रहे अनुराग यादव से मोबाइल छीन लिया था। मामले में बाणगंगा थाने में लूट का केस दर्ज हुआ था। आरोपी एक्टिवा से आए थे। क्राइम ब्रांच ने दोनों नाबालिगों को यादव का मोबाइल बेचने के दौरान पकड़ा और मोबाइल भी जब्त कर लिया। दोनों को बाणगंगा पुलिस को सांैपा गया है। बताया जाता है कि आरोपियों के गिरोह में एक किशोरी भी शामिल है। आरोपियों ने बताया कि उनका पांच लोगों का गिरोह है और सभी नाबालिग हैं। ये सभी गांजे का नशा करते हैं और उसके लिए मोबाइल लूटते हैं। एक आरोपी तो 500 रुपए में अपनी एक्टिवा लूट के लिए किराए पर देता था। यह एक्टिवा भी पुलिस ने जब्त कर ली। बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है, ताकि अन्य घटनाओं में लूटे गए मोबाइल बरामद किए जा सकें।
ड्रग्स तस्करों के जमानतदारों नाम के पोस्टर लगेंगे
नशा, ड्रग्स को लेकर इंदौर में मचे घमासान पर अंतत: प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया। अब ड्रग सप्लाई करते हुए जो भी शख्स पकड़ाता है और उसकी कोई जमानत कराता है, तो उस जमानतदार का नाम सार्वजनिक किया जाएगा। जहां घर है, उसी चौराहे पर उसके नाम का पोस्टर लगाया जाएगा। इसमें जमानत से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक रूप से लिखी जाएगी। इसकी शुरूआत इंदौर से होगी। ऐसा करने का मकसद नशाखोरी को बढ़ावा देने वालों को हतोत्साहित करना है। यह जानकारी गृह मंत्री और इंदौर के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गत दिनों जिला योजना समिति की बैठक में दी जानकारी दी। श्री मिश्रा ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के साथ पुलिस की बैठक में ये तय किया है कि ड्रग पेडलर की जमानत जो व्यक्ति देगा, उनका नाम बोर्ड पर लिखकर उसके मोहल्ले में टांगा जाएगा। पहला चरण इंदौर से प्रारंभ हो रहा है। दूसरे चरण में अन्य नाम भी जोड़े जाएंगे।
आसानी से नहीं छूटेंगे ड्रग पेडलर
शहर में नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद ड्रग पेडलर्स के हौंसले बुलंद हैं। जमानत पर छूटने के बाद फिर से वो युवाओं को नशा परोसने लगते हैं। ऐसे में अब ये कोशिश की जा रही है कि एक बार पकड़ाने के बाद ड्रग पेडलर आसानी से छूट नहीं सके और जमानत देकर जो लोग उनकी मदद करते हैं, उनके नाम भी सार्वजनिक किए जाएं ताकि समाज को पता चल सके। जमानत देने से पहले लोग सोचे।
इंदौर
नशा बना रहा अपराधी
- 07 Jun 2023