समाज में संगठित होकर हरदम यह प्रयास करना होगा कि युवाओं को बचाए कैसे नशे से
इंदौर। गरीब बस्तियों में शाम ढलते ही रोज चीख-पुकार और बच्चों के रोने की आवाज, मारपीट के साथ गालियां सुनने और देखने को मिलती है। दुनिया में केवल भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां जहरीली शराब मिलती है और बेची जाती है। अन्य किसी देश में जहरीली शराब का विक्रय नहीं होता है। युवाओं को नशे से बचाने के लिए हमें संगठित होकर बेहतर समाज बनाने का प्रयास करना होगा।युवाओं को नशे से बचाने के लिए विशेष कर महिलाओं को आगे आना होगा। उक्त बातें शुक्रवार को शिक्षाविद् एवं होलकर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. राम श्रीवास्तव ने यूनिवर्सल पीस एंड सोशल डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा नशा मुक्ति अभियान के तहत समाज कार्य महाविद्यालय में आयोजित व्याख्यान में कहीं।
डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि देश का भविष्य नारी शक्ति के हाथों में है। अत: महिलाओं को उनकी शक्ति से अवगत कराना होगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों के आसपास धड़ल्ले से नशा बिक रहा है। प्रोफेशनल कॉलेज के करीब 70 प्रतिशत विद्यार्थी नशे की लत में फस चुके हैं। जहरीली शराब से मरने वालों में अधिकांश गरीब और मजदूर वर्ग के लोग होते हैं। इंदौर शहर को नशे से बचाने के लिए शहर का एक-एक बच्चा कसम खा ले कि नशा बेचने वालों की शिकायत करेंगे। लेकिन पुलिस ईमानदारी से कार्रवाई करेगी तो शहर नशा मुक्ति में भी एक नंबर पर आ जाएगा। शहर को अगर नशे से मुक्त कर दिया जाए तो शहर में अपने आप सभी तरह के अपराध समाप्त हो जाएंगे। महिलाएं संकल्प लें कि हम नशा मुक्त समाज बनाएंगे तो समाज नशा मुक्त हो जाएगा।
इस मौके पर डॉ. अनिल भंडारी ने कहा कि संस्था द्वारा पिछले एक वर्ष से नशे के खिलाफ जन जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसके सार्थक परिणाम भी आ रहे हैं। हम सभी मिलकर नशे के खिलाफ रचनात्मक आंदोलन चलाएं। साथ ही सार्वजनिक कार्यक्रमों में नशा परोसने की प्रवृत्ति को बंद करें।
इंदौर
नशामुक्ति अभियान के तहत समाजकार्य महाविद्यालय में व्याख्यान
- 04 Nov 2023