(अंग्रेज़ी: Pt. Gayaprasad Shukla 'Sanehi', जन्म: 1883 ई. - मृत्यु: 20 मई, 1972 ई.)
ब्रजभाषा के प्रसिद्ध कवि थे। पं. गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही' जी का जन्म श्रावण शुक्ल त्रयोदशी, संवत 1940 में उन्नाव ज़िले के हडहा नामक ग्राम में हुआ। यह गाँव बैसवाड़ा क्षेत्र के अंतर्गत है। सनेही जी के पिता पं. अक्सेरीलाल शुक्ल बड़े साहसी और देशभक्त व्यक्ति थे। 1850 ई. के स्वातंत्र्य संग्राम में उन्होंने भी जमकर भाग लिया और ब्रिटिश सरकार के कोपभाजन बने। देशभक्ति और वीरभाव की यह परंपरा सनेही जी को अपने पिता से ही प्राप्त हुई। सनेही जी आरम्भ से ही मेधावी छात्र रहे। काव्यरचना का शौक इन्हें बचपन से ही था। काव्यशास्त्र का सम्यक अनुशील इन्होंने हडहा निवासी लाला गिरधारी लाल के चरणों में बैठकर किया। लालाजी रीतिशास्त्र के बड़े पंडित और ब्रजभाषा के सिद्धस्त कवि थे। पं. गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही' जी का निधन 20 मई, 1972 को 89 वर्ष की अवस्था में कानपुर के उस्रला अस्पताल में हो गया
व्यक्तित्व विशेष
पं. गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही'
- 20 May 2022