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श्योपुर

पिंजरा खुलते ही चीतों ने जंगल में लगाई दौड़

  • 05 Dec 2024

कूनो में बड़े बाड़े से छोड़े गए  अग्नि और वायु, अब पर्यटक भी देख सकेंगे
श्योपुर, (एजेंसी)। श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में अब पर्यटकों को चीतों के दीदार हो सकेंगे। बुधवार को अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस के मौके पर 2 नर चीतों अग्नि और वायु को बड़े बाड़े से खुले जंगल में छोड़ा गया है। कूनो के मुख्य वन संरक्षक और डायरेक्टर, लायन प्रोजेक्ट, उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि यह दोनों चीते पूरी तरह स्वस्थ हैं।
कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ आर थिरुकुराल ने बुधवार शाम को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी चीते पूरी तरह से स्वस्थ हैं। खुले जंगल में छोड़े जाने के बाद अब ये चीते रफ्तार में भाग सकेंगे। अपनी पसंद के जानवर का शिकार कर अपना पेट भर सकेंगे। यह क्षेत्र अहेरा पर्यटन जोन में आता है, जिससे पर्यटक सफारी के दौरान इन चीतों को देख सकते हैं।
कूनो नेशनल पार्क के बाड़े में 12 वयस्क और 12 शावक यानी कुल 24 चीते थे। इनमें से दो को खुले जंगल में रिलीज कर दिया गया है। अब बाड़े में कुल 22 चीते हैं। इन्हें भी कूनो प्रबंधन के अधिकारी क्रमबद्ध तरीके से रिलीज करेंगे। बता दें कि चीतों को खुले जंगल में छोड़ने का फैसला स्टीयरिंग कमेटी करती है।
कूनो में अब तक 12 शावकों का जन्म
कूनो नेशनल पार्क में अब तक जन्मे 12 भारतीय चीता शावक अगले डेढ़ से दो साल में पूरी तरह वयस्क हो जाएंगे। कूनो में जन्म लेने वाली सबसे पहली मादा चीता शावक अब 20 महीने की हो चुकी है। इसी साल जनवरी में आशा और ज्वाला ने 7 शावकों को जन्म दिया था। वे अगले महीने एक साल के हो जाएंगे।
17 माह में मां से अलग हो जाते हैं शावक
17 माह में चीतों के शावक अपनी मां से अलग हो जाते हैं और तीन साल में पूरी तरह युवा हो जाते हैं। वहीं, नामीबियाई और दक्षिण अफ्रीकी 12 चीते भी अब कूनो की आब-ओ-हवा में रच बस गए हैं। साल 2023 की तुलना में चीतों के लिए साल 2024 काफी बेहतर साबित हुआ है।
2023 में जहां 7 वयस्क चीतों और 3 शावकों की मौत हुई थी। वहीं, 2024 में 11 चीता शावकों का जन्म हुआ है, जबकि सिर्फ 2 वयस्क चीतों और 4 शावकों की ही मौत हुई। चीता एक्शन प्लान के मुताबिक कूनो नेशनल पार्क में 20 चीतों के रहने लायक जगह है। अभी यहां 24 चीते रह रहे हैं।