वाहन चालकों को मिला दीपावली का तोहफा, पंप संचालकों का त्योहार बिगड़ा
इंदौर। लंबे समय से पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों पर रोक लगाने की मांग करते हुए इनका मूल्य कम करने की मांग की जा रही थी। अब जाकर यह मांग पूरी हुई है और इससे वाहन चालकों को दीपावली के तोहफे के रूप में राहत मिली है, लेकिन एक तबका ऐसा भी है, जिसका दाम कम होने से दीपावल जैसा त्योहार ही बिगड़ गया। इस वर्ग को करोड़ों रुपए का नुकसान झेलना पड़ा।
दरअसल पेट्रोल और डीजल पर केंद्र और राज्य सरकारों ने एक्साइज ड्यूटी और टैक्स में कटौती कर जनता को भले ही दीपावली का तोहफा दे दिया है लेकिन पेट्रोल पंप संचालकों का त्योहार बिगाड़ दिया। एकाएक हुई भारी-भरकम कटौती से इंदौर के 300 पेट्रोल पंपों को करीब 12 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है। पेट्रोल पंप संचालकों ने पेट्रोलियम कंपनियों और सरकार से नुकसान की भरपाई करने की मांग की है।
भारी पड़ गई कटौती
तीन नवंबर को केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की घोषणा की थी। चार नवंबर को प्रदेश सरकार ने भी वैट और एडिशनल टैक्स कटौती का ऐलान कर दिया। चार और पांच नवंबर की तारीख में लागू हुई कटौती से लोगों के लिए डीजल करीब 17 रुपये और पेट्रोल करीब 11.60 पैसे सस्ता हो गया। पेट्रोल पंप संचालकों पर यह कटौती भारी पड़ गई। दरअसल दीपावली के समय सभी पेट्रोल पंपों पर ईंधन का सबसे ज्यादा स्टाक रहता है।
महंगा खरीदा, सस्ता बेचना पड़ा
इंदौर पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह वासु के अनुसार दीपावली के एक दिन पहले से एक दिन बाद तक पेट्रोल और डीजल का परिवहन करने वाले टैंकरों का संचालन नहीं होता। ऐसे में हर पेट्रोल पंप पर तीन दिनों की जरुरत के हिसाब से एक्स्ट्रा स्टाक रखा जाता है। खास बात ये है कि ईंधन खरीदने के लिए पंप संचालकों को एडवांस पेमेंट करना होता है। ताजा मामले में हुआ ये कि पंप वालों ने ज्यादा टैक्स और ड्यूटी चुकाकर महंगा ईंधन खरीदा। अब हमें उस महंगे ईंधन को कम दामों पर बेचना पड़ रहा है।
पुरानी दरों से टैक्स ले लिया
जनता के लिए ईंधन सस्ता हुआ इससे हमें बेहद खुशी है और सरकार के निर्णय के साथ है। लेकिन पंप संचालकों की परेशानी ये है कि सरकार और पेट्रोलियम कंपनियों ने हमसे तो पहले ही पुरानी दरों से टैक्स ले लिया है। जब दर कटौती हुई तब इंदौर के पेट्रोल पंपों पर करीब 80 लाख लीटर ईंधन का स्टाक था। इस लिहाज से पंप संचालकों को 10 से 12 करोड़ का घाटा हुआ। हमने पेट्रोलियम कंपनियों को पत्र लिखा है कि हमसे लिए गए ज्यादा टैक्स को लौटाया जाए।
सरकार को लिखा पत्र
पांच या 10 पैसे की बात होती तो पंप संचालक एडजस्ट कर पाते एकाएक मोटी कटौती से पंप संचालकों की दीपावली ही बिगड़ गई है। कार्यशील पूंजी का प्रवाह भी रुक गया है। एक्साइज ड्यूटी की वापसी के लिए हमने तेल कंपनियों को और वैट व एडिशनल टैक्स की वापसी के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा है।
पेट्रोलियम मंत्री को ध्यान दिलाया
केंद्रीय एसोसिएशन ने लिखा पत्र
आल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने भी केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीपसिंह पूरी को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की ओर ध्यान दिलाया है। एसोसिएशन ने लिखा है कि इस कदम से देश के पेट्रोल डीलर्स को 3000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह वह राशि है जो तेल कंपनियों या राज्य सरकारों ने डीलर्स से ले ली है। इस राशि को वापस किया जाना चाहिए।
इंदौर
पेट्रोल - डीजल के दाम कम होने से ... करोड़ों का नुकसान
- 09 Nov 2021