5 दिन मौत से लड़ीं; तडक़े पौने 4 बजे ली अंतिम सांस
इंदौर। पेट्रोल डालकर जलाई गई बीएम फार्मेसी कॉलेज की प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा (55) की शनिवार सुबह करीब पौने 4 बजे मौत हो गई। शव का पोस्टमॉर्टम जिला अस्पताल में किया गया। यहां से परिजन शव को घर ले गए। उनकी अंतिम यात्रा दोपहर 1 बजे उनके निज निवास 83,आनंद नगर, चितावद से रीजनल पार्क मुक्तिधाम जाएगी।
प्रिंसिपल शर्मा पिछले पांच दिन से चोइथराम अस्पताल में भर्ती थीं। उन पर एक पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव ने कॉलेज कैम्पस में हमला किया था। वह मार्कशीट नहीं मिलने और एक प्रोफेसर द्वारा चाकूबाजी का केस दर्ज कराए जाने से कॉलेज मैनेजमेंट से नाराज था। कलेक्टर ने आरोपी छात्र के खिलाफ रासुका भी लगा दी है।
इधर, जांच के दौरान पुलिस को आग लगाए जाने की घटना से जुड़े चार साक्षी मिले हैं। इनमें से एक के बयान करवाए हैं। पुलिस को आरोपी का एक दिन का रिमांड मिला था, उसे आज फिर कोर्ट में पेश किया जाएगा। सिमरोल टीआई आरएन भदौरिया ने बताया कि आरोपी आशुतोष ने जिस पंप से बाइक में पेट्रोल डलवाया था, उसके मालिक और तेजाजी नगर के जनरल स्टोर संचालक, जिनसे बाल्टी खरीदी थी, उनके बयान भी लिए गए हैं। वहीं, घटना के चश्मदीद गवाह इलेक्ट्रिशियन सुनील खैर ने बताया आशुतोष ने बाल्टी भरकर पेट्रोल मैडम के ऊपर डाला था।
आरोपी को फांसी की सजा दिलाएंगे - एसपी
डॉ. विमुक्ता शर्मा की मौत के बाद आरोपी के खिलाफ हत्या की धाराएं भी बढ़ा दी गई हैं। ग्रामीण एसपी भगवतसिंह बिरदे ने कहा कि, हम एक-एक कड़ी जोडक़र बारीकी से इस पूरे केस की पड़ताल और जांच रिपोर्ट बना रहे हैं। आरोपी बेहद शातिर और आपराधिक प्रवृत्ति का है। हम उसे फांसी के फंदे तक पहुंचाने का न केवल प्रयास करेंगे, बल्कि उससे कम सजा पर मानेंगे भी नहीं। माननीय न्यायालय के समक्ष हम मजबूती से केस को रखेंगे, जिससे आरोपी को निश्चित रूप से फांसी की सजा मिले। इस केस में लापरवाही करने वाले एक एएसआई को निलंबित कर चुके हैं। अभी एडिशनल एसपी पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। अगर थाना प्रभारी या किसी भी अन्य पुलिसकर्मी की लापरवाही सामने आती है, तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। दूसरी ओर पूरी जांच रिपोर्ट बनने के बाद कॉलेज प्रबंधन की व्यवस्थाओं को लेकर भी प्रतिवेदन कलेक्टर महोदय को सौंपेंगे।
घाव बढ़ते गए, ऑर्गन भी फेल होते गए
चोइथराम हॉस्पिटल के डॉ. अमित भटनागर ने बताया कि डॉ. विमुक्ता शर्मा को सोमवार शाम को चोइथराम अस्पताल में एडमिट किया गया। इससे पहले उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए तेजाजी नगर के गौरव हॉस्पिटल ले जाया गया था। उनको बेहद क्रिटिकल कंडीशन में चोइथराम अस्पताल में एडमिट किया गया था। उनकी जांच करने वाली डॉक्टरों की टीम ने परिजन से तभी कह दिया था कि वे 90 प्रतिशत तक जल चुकी हैं। ऐसे में उनके बचने की संभावना नहीं के बराबर है। डॉ. विमुक्ता को हाई एंड वेंटिलेटर सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। इस दौरान पिछले पांच दिन में डॉ. विमुक्ता के कई इंटरनल ऑर्गन फेल हो गए थे। बीच-बीच में उन्हें कई बार सीपीआर भी दिया गया। उनकी कंडीशन रिवाइव हुई और फिर खराब होती गई। ऐसा पांच दिन में कई बार हुआ। जलने के कारण हुए घाव भी फैलते गए आखिरी घंटों के दौरान उनके फेफड़ों और हॉट ने काम करना बंद कर दिया था। शनिवार तडक़े उनकी मौत हो गई।
खुदकुशी की कोशिश की
आरोपी आशुतोष ने वारदात के चार दिन पहले ही नई मोबाइल सिम भी खरीदी थी। प्रिंसिपल को आग लगाने के बाद वह चोरल तरफ भागा और जान देने की कोशिश की। यहां एक पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में पहुंचा और बातों में उलझाकर उसे पकड़ लिया था। आरोपी के शरीर का भी कुछ हिस्सा जला था, इसके चलते उसे दो दिन अस्पताल में रखा गया। अब वह पुलिस कस्टडी में है। आज उसका रिमांड खत्म होने के बाद फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं मामले में अब हत्या की धारा में केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
इंदौर
पेट्रोल डालकर जलाई गई प्रिंसिपल जिंदगी की जंग हारी
- 25 Feb 2023