पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे के छलके आंसू; दीपक जोशी बोले-बॉस ताली लेते हैं, गाली भी लेनी चाहिए
देवास। पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी अब अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है। उन्होंने साफ कर दिया है कि शनिवार को भोपाल में वो कांग्रेस की सदस्यता लेंगे। दीपक जोशी कमलनाथ के निवास पर सादे कार्यक्रम में अपने कुछ कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस ज्वॉइन करेंगे। शुक्रवार को देवास में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिता जी ने सुचिता की राजनीति की, लेकिन अब बीजेपी की कथनी और करनी में अंतर है। भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा हो गई है।
पूर्व मंत्री भावुक भी हो गए। उनकी आंखों से आंसू छलक आए। उन्होंने कहा कि मेरे साथी डर के मारे मुझे नमस्कार भी नहीं करते। नमस्कार तो दूर, बात करने से पहले मुझे ऐसे देखते है कि कोई उन्हें देख तो नहीं रहा है। वे बात करना भी चाहते, लेकिन कर नहीं पाते थे। डर के मारे वे नमस्कार भी नहीं कर पाते। मुझे कार्यक्रमों में तो बुलाया तक नहीं जाता था। इस कारण मैं किसी कार्यक्रम में जबरन घुसने की कोशिश भी नहीं करता।
दीपक जोशी ने कहा कि आंसू इसलिए आ रहे हैं कि पिता जी की विरासत को बचाने की जो जिम्मेदारी मेरे हाथों में थी, उसे मैं निभा नहीं पाया। उन परिवारों के प्रति मेरी चिंता है, जो चौथी-पांचवी पीढ़ी के रूप में मेरे परिवार के साथ काम कर रहे हैं, उन्हें मेरे निर्णय पर बुरा लग रहा होगा, लेकिन उन्हीं परिवारों को बचाने के लिए आगे बढ़ रहा हूं। मेरे चाहने वाले मुझे इतनी ताकत दें कि मैं आगे इस लड़ाई को लड़ सकूं।
मेरे पिता का स्मारक अब तक नहीं बना: जोशी
पिता जी के स्मारक का सीएम शिवराज और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिलान्यास किया, लेकिन बना नहीं ना। बन जाता तो मुझे क्या दिक्कत थी। भाजपा के सभी लोगों ने बात की। सीएम, प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय नेता, संगठन के लोग और मेरे राजनीतिक मित्रों ने कोशिश की। यह मान सम्मान की लड़ाई है, यह पिता जी के सम्मान के लिए लड़ाई है। सीएम की ओर से कई मैसेज आए, लेकिन 3 मई के बाद मैंने मैसेज पर ध्यान देना बंद कर दिया। यदि मेरे या मेरे पिता जी की जरूरत होती तो मैंने जिस दिन पहली बाद मुद्दा उठाया था, वे स्मारक को लेकर काम शुरू कर देते, लेकिन जान-बूझकर उपेक्षा की जा रही थी।
मैं सांसद, विधायक बनने कांग्रेस में नहीं जा रहा-
दीपक जोशी ने कहा कि मैं कांग्रेस में विधायक या सांसद बनने के लिए नहीं जा रहा हूं, एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में काम करूंगा। यदि मैंने अपना काम कर दिया तो मुझे लगेगा की हां मैंने अपना काम किया है। मैं अपना भविष्य क्यों तलाश करूं, कांग्रेस में मेरा भविष्य हैं या नहीं, यह क्यों सोचूं। मेरे जाने से कितना नुकसान होगा, इसका आंकलन वे करें। कहीं न कहीं वे नुकसान में तो हैं, क्योंकि वे लगातार मुझे रोकने का प्रयास कर रहे हैं।
4-5 दिन से लगातार समाचार मुझे लेकर आ रहे थे। राजनीति में ऐसा होता आया है कि चुनाव के समय लोग इधर से उधर होते हैं। मेरा मुद्दा थोड़ा अलग है। मुझे न पार्टी से टिकट चाहिए, न पद चाहिए न प्रतिष्ठा चाहिए। मैं अपनी पिता की विरासत को लेकर चलने वाला कार्यकर्ता, विधायक. मंत्री रहा हूं।
यदि ताली बॉस की, तो गाली भी बॉस की...
जोशी ने कहा- यदि ताली बॉस की, तो गाली भी बॉस की... जब ताली लेते हो तो गाली भी आपको लेनी चाहिए। मेरे मंत्री रहते जिन-जिन भवनों का निर्माण, शिलान्यास हुआ, उन पर अपने पत्थर जरूर लगाएं, लेकिन मुझे कार्यक्रम में बुलाने तक का प्रयास नहीं किया गया। देवास जिले में मैं पार्टी के लिए इस प्रकार से हो गया था कि यदि मैं किसी कार्यक्रम में पहुंच जाता था तो लोगों को लगता था कि यह क्यों आ गया। ऐसे तत्वों के साथ अब बैठना भी मुझे अच्छा नहीं लग रहा, जो मुझे पसंद नहीं करता, उसके साथ मैं क्यों बैठूं।
बिना लेन-देन कोई काम नहीं होता-
दीपक जोशी ने आरोप लगाया कि आज की तारीख में बिना लिए-दिए कोई काम नहीं होता। भ्रष्टाचार की वैतरणी इतनी तेजी से बढ़ रही है, कि गरुण पुराण का एक चैप्टर जरूर जुड़ जाएगा। भ्रष्टाचार करने वालों को यह मिलेगा, इतना खाने वालों को यह मिलेगा।
दीपक जोशी ने कहा कि मेरे पिता के नाम देवास में यह तीन कमरों का मकान है, बाकि उनके नाम कोई संपत्ति नहीं है। 20 बीघा जमीन मेरे दादा जी ने उन्हें दी थी, उन्होंने उसे 10-10 बीघा की कर दी, एक इंच इजाफा नहीं किया। मैंने भी अपनी 10 बीघा जमीन में एक इंच नहीं बढ़ाई। विधायक को जो मकान मिलता है, उसे ही लिया। आज मेरे पास चार पहिया वाहन तक नहीं है।
देवास जिले की कमियां दूर करने का प्रयास करूंगा-
उन्होंने कहा कि किसी भी चीज से कमलनाथ जी को बांधना नहीं चाहता हूं। किसी ने पूछा आप टिकट नहीं मांग रहे हैं.. मैंने कहा- न पहले मांगा, न अब मांगूंगा। जाति से ब्राह्मण हूं, जाति का स्वभाव मांगना होता है, लेकिन मैंने कभी मांगने की कोशिश नहीं की। मैं कमलनाथ के साथ जुड़कर आगामी रणनीति को तैयार करने में जुटूंगा। पूरी कोशिश रहेगी, मेरा देवास जिला, जो मेरे पिता जी की राजनीति की सुचिता की राजनीति का प्रतीक बना हुआ है। देवास जिले की कमियों को दूर करने का प्रयास करूंगा। मैं तो कहीं भी एक जगह रहने को तैयार हूं, लेकिन मेरे पिता के साथ नाइंसाफी करने वालों को नहीं बख्शूंगा।
देवास
पिता के साथ नाइंसाफी करने वालों को नहीं छोडूंगा
- 06 May 2023