नई दिल्ली। एक व्यवसायी ने फर्जी दस्तावेज के जरिये अपने बेटे व पिता का नाम परिवर्तन कर चाणक्यपुरी स्थित संस्कृति स्कूल में ईडब्ल्यूएस श्रेणी में दाखिला करवा दिया लेकिन बच्चे की मासूमियत से पूरे मामले का खुलासा हो गया। दरअसल बच्चे ने अन्य बच्चों व टीचर द्वारा अपने नए नाम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उसका नाम यह नहीं बल्कि कुछ और है। आखिर संस्कृति स्कूल की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। हाईकोर्ट ने बच्चे के पिता को सशर्त अग्रिम जमानत प्रदान कर दी।
मामले में दिलचस्प बात है कि उक्त बच्चे का पहले नई दिल्ली स्थित डीपीएस में पहली कक्षा में दाखिला करवाया गया था लेकिन संस्कृति स्कूल में दाखिले के बाद बच्चा उक्त स्कूल में नहीं गया जिस कारण स्कूल प्रशासन ने मात्र दो दिन आने व फीस जमा न करने पर उसका नाम स्कूल से हटा दिया। उधर संस्कृति स्कूल में मामले का खुलासा होने के बाद उसके पिता ने डीपीएस में करीब छह माह की फीस अदा कर पुन: दाखिला करवा लिया।
आरोपी एवं बच्चे का पिता गौरव गोयल मलकागंज बंगला रोड पर रहता है। याची ने कहा कि उसे फर्जी मामले में फंसाया गया है जबकि उसका बेटा तो डीपीएस में पढ़ता है और संस्कृति स्कूल में उसका बड़ा बेटा पढ़ता है और उसने चाहा था कि उसका छोटा बेटा भी उसी स्कूल में पढ़े। याची ने कहा कि उसका सपना है कि उसके बच्चे प्रतिष्ठित स्कूलों में पढ़ें।