जबलपुर. 21वीं सदी में पूरी दुनिया टेक्नोलॉजी से संपन्न हो रही है. एक तरफ जहां विज्ञान ने लोगों की लाइफ स्टाइल को बदला है तो वहीं विज्ञान की देन मोबाइल ने पूरी दुनिया को एक छोटे से उपकरण में कैद कर दिया है. मोबाइल जहां लोगों की जीवन शैली, उनके कार्यक्षेत्र और शिक्षा को विस्तार दे रहा है तो वहीं अब यह लोगों के लिए नशे का काम भी कर रहा है. महिला, पुरुष, बुजुर्ग या बच्चे सभी इस मोबाइल का असर देखा जा सकता है.
जबलपुर के गोरखपुर थाना क्षेत्र में हुई एक घटना भी मोबाइल के लाभ एवं नुकसान को लेकर विचार करने पर मजबूर करती है. दरअसल 14 साल के निखिल ने सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि उसके मोबाइल का इंटरनेट पैक खत्म हो गया था और पिता आर्थिक तंगी के कारण मोबाइल रिचार्ज करवाने में सक्षम नहीं थे.
बच्चा मोबाइल का आदी था और बिना मोबाइल के वह अवसाद में चला गया. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने जांच की तो प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई कि बच्चे के पिता मजदूर हैं और 4 महीने पहले उनकी पत्नी यानी निखिल की मां बीमारी के चलते इस दुनिया को छोड़ कर चली गई. बच्चे के पास परिवार में पिता ही एकमात्र सदस्य थे. जब पिता मजदूरी करने चले जाते थे तो बच्चा मोबाइल में ही व्यस्त रहता था. यही वजह है जब मोबाइल में इंटरनेट पैक खत्म हो गया तो उसे कुछ समझ नहीं आया और उसने आत्महत्या कर ली. बहरहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर घटना की जांच शुरू कर दी हैट
पुलिस कर रही मामले की जांच
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बच्चों में मोबाइल की लत काफी नुकसानदायक है. मोबाइल के कारण बच्चों की आंखें खराब होना और उनकी मानसिक क्षमता कमजोर होना यह सामान्य बीमारी है लेकिन मोबाइल ना मिलना या उसका उपयोग न कर पाना इतना आत्मघाती हो सकता है, यह काफी गंभीर मामला है.
अधिकारियों का मानना है कि बच्चों को मोबाइल के उपयोग के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है. माता-पिता एवं परिवार के अन्य सदस्यों का बच्चों के साथ वक्त बिताना सबसे ज्यादा जरूरी है. इसके अलावा उन्हें मोबाइल से दूर रख कर आउटडोर गेम्स खेलने के लिए प्रेरित करना भी उनकी शारीरिक और मानसिक क्षमता को बढ़ाता है. इसलिए इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि बच्चे मोबाइल का उपयोग तो करें लेकिन इसके आदी ना हों.
जबलपुर
पिता नहीं करा पाया रिचार्ज, 14 साल के बेटे ने उठाया खौफनाक कदम
- 19 Apr 2022