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बाबा पंडित

पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियाँ

  • 21 Sep 2021

प्रबुद्ध पाठको से अनुरोध हैं कि, समय और साधन निकाल कर अपने पितरों का श्राद्ध, तर्पण अवश्य करिए. 
आप अगर आचार्यों द्वारा ना भी करवा पाएं तो भी चलेगा आप स्वयं अपने देश, काल, लोकमत के हिसाब से 
पित्तरों की कृपा पा सकते हैं।
पूणिर्मा श्राद्ध -   20 सितंबर, 2021, दिन सोमवार
प्रतिपदा श्राद्ध -  21 सितंबर, 2021, दिन मंगलवार
द्वितीया श्राद्ध -   22 सितंबर, 2021, दिन बुधवार
तृतीया श्राद्ध -    23 सितंबर, 2021, दिन गुरुवार
चतुर्थी श्राद्ध -     24 सितंबर, 2021, दिन शुक्रवार
पंचमी श्राद्ध -     25 सितंबर, 2021, दिन शनिवार
षष्ठी श्राद्ध -        27 सितंबर, 2021, दिन सोमवार
सप्तमी श्राद्ध -    28 सितंबर, 2021, दिन मंगलवार
अष्टमी श्राद्ध -     29 सितंबर, 2021, दिन बुधवार
नवमी श्राद्ध -    30 सितंबर, 2021, दिन गुरुवार (मातृ नवमी) 
दशमी श्राद्ध -      1 अक्टूबर, 2021, दिन ,शुक्रवार
एकादशी श्राद्ध -  2 अक्टूबर, 2021, दिन शनिवार
द्वादशी श्राद्ध -     3 अक्टूबर, 2021, दिन रविवार
त्रयोदशी श्राद्ध -  4 अक्टूबर, 2021, दिन सोमवार
चतुदर्शी श्राद्ध -   5 अक्टूबर, 2021, दिन मंगलवार
पितृ अमावस्या =  6 अक्टूबर, 2021,  दिन बुधवार
पितृ विर्सजन। 
विशेष =  किसी कारणवश  तिथि विशेष पर श्राद्ध न कर पाने अथवा पिता की मृत्यु की तिथि की जानकारी न होने के कारण उन सभी पितरो का श्राद्ध पितृ पक्ष की अमावस्या को किया जाता है। इस दिन श्रीविष्णु भगवान की प्रियता हेतु ब्राह्मण भोजन भी कराया जाता है। 
श्राद्घ नहीं कर सकते हैं तो...
अगर पंडित से श्राद्ध नहीं करा पाते तो सूर्य नारायण के आगे अपने बगल खुले करके (दोनों हाथ ऊपर करके) बोलें :
हे सूर्य नारायण ! 
मेरे पिता (नाम), अमुक (नाम) का बेटा, अमुक जाति (नाम), अमुक गोत्र (अगर जाति, कुल, गोत्र नहीं याद 
 तो ब्रह्म गोत्र बोल दें) को आप संतुष्ट/सुखी रखें।  इस निमित्त मैं आपको अर्घ्य व भोजन कराता हूँ।”  ऐसा करके आप सूर्य भगवान को  अर्घ्य दें और भोग लगाएं।
 श्राद्ध पक्ष में रोज भगवद्गीता के  सातवें अध्याय का पाठ  और 1 माला द्वादश मंत्र 
 ”ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” 
 और 1 माला 
 "ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं स्वधादेव्यै स्वाहा" 
 की करनी चाहिए  और उस पाठ एवं माला का फल  नित्य अपने पितृ को अर्पण करना चाहिए।