कर्मचारियों का गुस्सा तो रोक लिया लेकिन पैसे की बर्बादी का जवाब नहा
इंदौर। नगर निगम के द्वारा पानी की टंकियों का रखरखाव और संचालन का कार्य ठेके पर दिए जाने का मामला गले की हड्डी बन गया है। इन टंकियों पर तैनात कर्मचारियों को नहीं हटाने का ऐलान कर कर्मचारियों के गुस्से को तो रोक लिया गया है लेकिन पैसे की बर्बादी के सवाल का कोई जवाब निगम के अधिकारियों के पास नहीं है। नगर निगम के द्वारा हाल ही में शहर की 120 पानी की टंकी संचालन संधारण का काम रामकी समूह तथा एलएनटी कंपनी को ठेके पर दिया गया है। हाल ही में इन दोनों ठेकेदार कंपनियों के द्वारा इन पानी की टंकियों के संचालन संधारण के कार्य को अपने हाथ में ले लिया गया है। जैसे ही यह हुआ वैसे ही नगर निगम के कर्मचारियों के द्वारा सबसे पहले विरोध के स्वर उठाए गए। इन कर्मचारियों का कहना था कि अब जब टंकियों का पूरा काम इन दोनों निजी वंसपनी को दे दिया गया है तो फिर ऐसे में टंकिर्यों पर तैनात किए गए कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जाएगा। इस आशंका के चलते हुए हा ह्म् इन कर्म चाा द्घरया े ं व ेस द्वारा ा द्घवरा ेध शुरू किया गया लेकिन इस विरोध की पूरी हवा नगर निगम के अधिकारियों ने यह कह कर निकाल दी है कि एक भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा, कर्मचारी अपना काम करते रहेंगे। यह संभव है कि इन कर्मचारियों के काम में बदलाव कर दिया जाए। इसके साथ ही नगर निगम द्वारा दिए गए इस ठेके की आलोचना शुरू हो गई है। पानी जैसे मूलभूत कार्य को भी नगर निगम के द्वारा ठेके पर निजी वंसपनी के हवाले कर दिया गया है। इस कार्य को करने से नगर निगम के खजाने पर प्रतिवर्ष 8 करोड़ रुपए का भार आएगा। निजी वंसपनी के लिए यह ठेका तो लॉटरी लगने जैसा अच्छा और सुगम हो गया है। अब सवाल यह उठता है कि नगर निगम के द्वारा जनता के पैसे की इस तरह ठेकेदारों को लूटा कर बर्बादी क्यों की जा रही है। यह तो सभी जानते हैं कि इस तरह के काम अधिकारियों की मिलीभगत से ही होते हैं। इस तरह के काम में अधिकारियों का अपना ही पहले से समाहित होता है। इसी से इस तरह के ठेके परवान चढ़ते हैं।
इंदौर
पानी की टंकियों का ठेका निगम के गले की हड्डी बना
- 24 Jul 2021