जबलपुर। कोरोना काल से मेडिकल रैन बसेरा में पानी और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए पीडि़त और उनके स्वजन तरस रहे हैं। जिसकी सूचना कई बार निगम अधिकारियों को दी गई है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह आरोप लगाते हुए मोक्ष संस्था के संस्थापक आशीष ठाकुर ने जल्द से जल्द पानी और अन्य सुविधाओं की मांग की है।
मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर ने बताया कि महाकौशल से इलाज कराने वाले मरीजों के रुकने का व्यवस्था मोक्ष आश्रय में भी की गई है। इसमें एक भवन पर निशक्तजनों को रखा जाता है। लगभग एक साल से यहां न पानी है और न निगम कर्मचारी साफ सफाई के लिए आते है। निगम के रैन बसेरा की देखरेख मोक्ष के द्वारा की जा रही है। वहां पर लाईट पंखे बिस्तर और अन्य व्यवस्थाएं मोक्ष और उनको सहयोग करने वाले समाजसेवी के द्वारा निरंतर की जा रही है। लावारिस लोगों को देता है आश्रय और भोजन: मोक्ष संस्था के सदस्य सड़कों में पड़े लावारिस लोगों और अस्पताल से निकाले गए लावारिस मरीजों को आश्रय देकर उनके रहने और खाने की व्यवस्था करता है। वहीं अन्य जिले से आए अस्पताल में इलाज कराने मरीजों के लिए भी हर संभव प्रयास किए जाते है। इस व्यवस्था को लगातार जारी रखने के लिए मोक्ष में समाजसेवी सहयोग कर रहे है। इसमें समाजसेवी राशन, झाडू, कपडे और अन्य जरूरी सामान देता है। वहां रहने वाले मरीजों के लिए भोजन, दवाए जरूरत का सामान भी लगातार दशक से जारी है यहां रहने वाले निशक्त मरीजों के लिए ना तो परिवार है ना वृद्धाश्रम में स्थान। वहीं इसकी शासन की कोई योजना नहीं है। वहीं इसमें 90 प्रतिशत लोग ऐसे है, जिनकी कोई आर्डडी नहीं है या तो यह विक्षिप्त है या लाचार।
पानी का टैंकर मंगवाकर की जा रही सहायता
आशीष ठाकुर ने आरोप लगाया कि मेडिकल अस्पताल में महाकौशल से इलाज कराने आने वालों की बड़ी तादाद है। जिनका सहारा मोक्ष ही है शासन प्रशासन को जानकारी होने के बाद भी किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिला। पानी और बाथरूम के लिए निगम कमिश्नर से लेकर संभागीय कमिश्नर तक जानकारी दी गई पर आज तक कोई सुध नहीं ली गई। मोक्ष के द्वारा अन्य संस्था से पानी का टैंकर मंगाया जाता है। ताकि पीडि़त और उनके स्वजन को पानी की समस्या से जुझना नहीं पड़े।
जबलपुर
पानी को तरस रहे पीडि़त
- 14 Jun 2021