दमोह। दमोह में जल संकट अपना विकराल रूप लेता जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में हालात और भी खराब है। पथरिया के लखरोनी गांव में दिन-रात लोग हैंड पंप के पास ही अपना समय बिताते हैं, ताकि उन्हें पानी मिल सके। बच्चे हों या बड़े सभी एक ही काम में लगे हुए हैं।
गांव के लोगों का कहना है कि हैंडपंप तो बहुत है, लेकिन उनमें पानी नहीं बचा। जो चालू हैं, पूरा गांव उन्ही हैंडपंप के सहारे अपने दिन काट रहा है। गर्मी के मौसम में पीने के पानी के लिए काफी मेहनत करनी पड़ रही है। गांव की छात्रा रक्षा बंसल ने बताया इस समय पढ़ाई छोड़ कर उन्हें पानी खोजने में दिन बिताना पड़ता है। बहुत समस्या है, लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा। गांव की नल जल योजना ठप है। 10-15 दिन में एकाध दिन सप्लाई होती है, बाकी दिन लोगों को खुद ही पानी खोजना पड़ता है।
गांव के सरपंच मनोज पटेल कहते हैं कि पानी की बहुत दिक्कत है। जलस्रोत सूख गए हैं। कुछ हैंडपंप चालू है, जिनसे लोग अपनी पूर्ति कर रहे हैं। पीएचई विभाग के अधिकारियों से कई बार अनुरोध किया है कि जिन बोर का पानी नीचे पहुंच गया है, उनमें री-बोर करा दिया जाए, ताकि लोगों की समस्या का समाधान हो जाए, लेकिन वो केवल आश्वासन दे रहे है। वही पीएचई विभाग की माने तो क्षेत्र के उपयंत्री ओपी पांडे का कहना है कि जल स्तर घट गया है, इसलिए उनके हाथ में भी कुछ नहीं है। सरपंच ने उनसे बात की थी, तो उन्होंने कहा था कि पंप खरीदने के लिए वो स्टीमेट दे सकते हैं। पंचायत पंप की खरीदी कर हैंडपंप में डालकर पानी निकाल सकता है। फिलहाल केवल यही एक उपाय है, जिससे जल संकट से निपटा जा सकता है।
दमोह
पानी के लिए हाहाकार, ग्रामीण क्षेत्रों में भारी जल संकट
- 23 Apr 2022