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बिलासपुर

पुनर्विवाह साबित हुआ तो पहले पति की संपत्ति पर विधवा का हक खत्म : हाईकोर्ट

  • 06 Jul 2021

बिलासपुर। पुनर्विवाह को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दूरगामी महत्व का फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि पति की मृत्यु के बाद यदि कोई महिला पुनर्विवाह करती है और यह पूरी तरह से साबित हो जाता है तो दिवंगत पति की संपत्ति पर उसका हक खत्म हो जाएगा। 
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति संजय के अग्रवाल ने 28 जून को अपीलकर्ता लोकनाथ की विधवा किया बाई के खिलाफ दायर संपत्ति के मुकदमे से संबंधित एक अपील खारिज कर दी। अपील में दावा किया गया था कि विधवा ने स्थानीय रीति-रिवाजों के माध्यम से पुनर्विवाह किया था। अपीलकर्ता लोकनाथ किया बाई के पति का चचेरा भाई है। आदेश में कहा गया है कि हिंदू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम 1856 की धारा छह के अनुसार पुनर्विवाह के मामले में शादी के लिए सभी औपचारिकताओं को साबित करना आवश्यक है। आदेश के अनुसार यह विवाद किया बाई के पति घासी की संपत्ति के हिस्से से संबंधित है। घासी की वर्ष 1942 में मृत्यु हो गई थी। विवादित संपत्ति मूल रूप से सुग्रीव नाम के व्यक्ति की थी जिनके चार बेटे मोहन, अभिराम, गोवर्धन और जीवनधन थे। सभी की मृत्यु हो चुकी है। गोवर्धन का एक पुत्र लोकनाथ इस मामले में वादी था जबकि घासी, अभिराम का पुत्र था।