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प्रदेश की राजनीति में ...  सिंधिया हुए और भी मजबूत

  • 25 Dec 2021

निगम मंडल में चंबल-अंचल में सिंधिया खेमा, 7 में से 5 अध्यक्ष ज्योतिरादित्य के समर्थक, नरेंद्र सिंह तोमर का एक भी नहीं
ग्वालियर। प्रदेश भाजपा की राजनीति में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अब और भी मजबूत हो गए हैं। हालांकि पहले से ही उनका पार्टी में वर्चस्व है। दरअसल मध्यप्रदेश में निगम-मंडलों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजनीतिक नियुक्तियां कर दी हैं। सूची में 16 अध्यक्ष व 9 उपाध्यक्षों के नाम हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों का दबदबा रहा है। ग्वालियर-चंबल अंचल में 7 निगम-मंडल अध्यक्षों में से 5 सिंधिया समर्थक हैं। साथ ही, एक एंदल सिंह कंषाना ने भी सिंधिया समर्थकों के साथ कांग्रेस से इस्तीफा दिया था।
गोहद के रणवीर जाटव भी सिंधिया समर्थक नहीं हैं, पर उनकी एंट्री में प्रदेश के गृहमंत्री की भूमिका अहम मानी गई थी। माना जा रहा है कि भाजपा सरकार में शामिल होते समय सिंधिया समर्थकों से जो वादा किया गया था, शिवराज सरकार ने उसे पूरा किया है। सीधे शब्दों में कहें, तो ग्वालियर-चंबल अंचल में सिंधिया का दबदबा नजर आ रहा है। भाजपा के कई चेहरे ऐसे थे, जिनको आशा थी, लेकिन वह रेस में पीछे रह गए हैं, क्योंकि वह भी जानते थे कि अंचल में निगम और मंडलों की नियुक्ति में सिंधिया समर्थक को प्रमुखता दी जाएगी।
सिंधिया के लिए दांव पर लगा दी थी विधायकी
ग्वालियर-चंबल अंचल में जिन 7 नेताओं को निगम-मंडल में अध्यक्ष बनाया गया है, वह सभी सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने सिंधिया समर्थन में विधायक पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को अल्पमत में ला दिया था। इससे भाजपा एक बार फिर सदन में बहुमत लेकर सरकार बनाने में कामयाब हुई थी। इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव में इन 7 समर्थकों को अपने-अपने क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा था।
वर्चस्व में दो केंद्रीय मंत्री की रेस
निगम-मंडलों में यह नियुक्तियां सिर्फ समर्थकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आने वाले समय में यह ग्वालियर के दो केंद्रीय मंत्री की दशा-दिशा का भी फैसला करेंगी। केंद्रीय नागरिक उड्?डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बीच अंचल में वर्चस्व की जंग है। दोनों एक-दूसरे के बारे में कभी नहीं बोलते हैं, लेकिन समर्थकों के बीच कोल्ड वॉर जारी रहती है। सिंधिया भविष्य में ग्वालियर से राजनीतिक भविष्य को आगे बढ़ाएंगे यह भी तय है, क्योंकि वह जिस तरह से विकास कार्यों की बैठक और ग्वालियर में हर तीसरे दिन भ्रमण कर रहे हैं। यह किसी से छुपा नहीं है।
सिंह से ज्यादा उमा की चली
अंचल में केंद्रीय मंत्री सिंधिया के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की चली है। शिवपुरी के लोधी बाहुल्य इलाका पोहरी विधानसभा से दो भाजपाई नरेंद्र विरथरे और प्रहलाद भारती को निगम-मंडल में उपाध्यक्ष बनाकर जगह दी गई है। यहां भी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पीछे रह गए हैं।