इंदौर। एमटीएच अस्पताल में गुरुवार को दो और छह दिन में 20 बच्चों की मौत व स्वजन को दूसरे बच्चे का शव सौंपने के मामले में जमकर हंगामा हुआ था। इसके बाद एमजीएम मेडिकल कालेज से जुड़े अस्पतालों में प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। इसका डाक्टर विरोध कर रहे हैं। विरोध बढ़ता देख रविवार को संभागायुक्त डा. पवन शर्मा ने मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन की आकस्मिक बैठक एमवाय अस्पताल के आडिटोरियम में बुलवाई। इसमें निर्णय लिया गया कि प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल में डाक्टरों के काम में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। संभागायुक्त ने मामले में आदेश में संशोधन भी कर दिया है।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि बैठक में यह निर्णय हुआ कि अस्पताल में नगर निगम, बिजली, पानी आदि से जुड़ी कोई समस्या होती है और अधीक्षक को आवश्यकता होगी तो वे अधिकारियों से समन्वय बनाकर काम कर सकेंगे। प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल के प्रशासकीय और अन्य कार्यों में कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे, क्योंकि इससे डाक्टरों को काम करने में परेशानी होती है। बैठक में एमजीएम के अधीन सभी अस्पतालों के अधीक्षक, कई विभागों के एचओडी और एसोसिएशन के पदाधिकारी मौजूद रहे।
डाक्टरों को नोटिस देना गलत
एमटीएच अस्पताल मामले में डाक्टरों को नोटिस देने के संबध में भी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि यहां गंभीर स्थिति में मरीज आता है। डाक्टरों को नोटिस दिया जाएगा तो इससे मनोबल टूटता है। इस पर संभागायुक्त ने कहा कि हम इस बात को स्वीकार करते हैं कि डाक्टर हमेशा बेहतर इलाज करते हैं।
इंदौर
प्रशासनिक अधिकारी नहीं देंगे अस्पताल के प्रशासकीय कार्यों में दखल
- 10 Jul 2023