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इंदौर

पुलिस को नहीं छोड़ रहे साइबर अपराधी, एसीपी को कॉल कर डिजिटल अरेस्ट की कोशिश

  • 04 Jul 2024

 इंदौर। साइबर अपराधी पुलिस को भी नहीं छोड़ रहे हैं। मंगलवार को पुलिस आयुक्त कार्यालय में जनसुनवाई कर रहे सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) को साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश की।
साइबर अपराधियों ने सीबीआई अफसर बनकर एसीपी को कॉल लगाया और गिरफ्तार करने की धमकी दे डाली। आरोपित ने पोलैंड के कोड नंबर से कॉल किया था। इंटेलिजेंस में पदस्थ एसीपी शिवेंद्र जोशी मंगलवार को जनसुनवाई में बैठे थे। उनके पास अन्नपूर्णा एसीपी का अतिरिक्त प्रभार भी है।
सुनवाई के बीच में एसीपी के पास वॉट्सएप कॉल आया। पुलिस अफसर की डीपी देखकर एसीपी ने तुरंत काल रिसीव कर लिया। आरोपित ने खुद को सीबीआई अफसर बताया और कहा कि हमने तुम्हारे परिचित चार लोगों को पकड़ा है। फोन 48732078186 नंबर से आया था। उस पर आइपीएस विजय कुमार की डीपी लगी हुई थी।
आरोपित ने अभद्रता भी की
पोलैंड का कोड नंबर देख एसीपी समझ गए कि यह साइबर अपराधियों की चाल है। परिचय देने पर आरोपी अभद्रता करते हुए गिरफ्तार करने की धमकी देने लगा। एसीपी के फटकार लगाने और साइबर सेल से जांच करवाने की बात बोलते ही फोन काट दिया। आरोपित रुपये वसूलने की कोशिश कर रहे थे।
वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क से काल कर रहे अपराधी
साइबर अपराधी जांच एजेंसियों को चकमा देने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का इस्तेमाल करते हैं। वीपीएन कालिंग को ट्रेस करना आसान नहीं है। आरोपित वीपीएन की सहायता से मनचाहे देश के कोड और नंबर डिस्प्ले करवाते हैं। इंटरनेट कॉलिंग होने से लोकेशन और सीडीआर निकालना भी संभव नहीं हो पाता है। डिजिटल अरेस्ट में झारखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा के गैंग की जानकारी मिली है।
ड्रग्स-फर्जी पासपोर्ट और मानव तस्करी की धमकी
आरोपी कॉल कर पार्सल में ड्रग्स, फर्जी पासपोर्ट और बैंक खातों का मानव तस्करी में इस्तेमाल होने की धमकी देते है। पुलिस, सीबीआइ, बैंक और नारकोटिक्स अधिकारी बनकर उन्हें वीडियो कॉल से निगरानी में रख लेते हैं, बाद में सत्यापन के बहाने से खातों में जमा राशि को ठग अपने खातों में जमा करवा लेते हैं।
एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया