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पुलिस से करार कर रहे गुंडे, 5 हजार से 50 हजार रुपए तक के बॉन्ड भरवाए

  • 09 Feb 2022

भोपाल। पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू होने के बाद अब पुलिस क्राइम कंट्रोल के लिए हर नए तरीके अपना रही है। इसके चलते अब पुलिस से गुंडे-बदमाश करार कर रहे हैं कि वे 6 माह से लेकर 3 साल तक अपराध नहीं करेंगे। पिछले कुछ दिनों में अलग-अलग अपराधों में आरोपी रह चुके 397 लोगों ने पुलिस से करार किया है। धारा 107-116 और 110 के तहत पुलिस बदमाशों से 5 हजार से 50 हजार रुपए तक के बॉन्ड भरवा रही है।
पुलिस ने बदमाशों के खिलाफ ऐसा ही एक अभियान उज्जैन में भी चलाया था, जिसे ऑपरेशन पवित्र नाम दिया गया था। बीते शनिवार को रातभर चली कांबिंग गश्त भी इसी ऑपरेशन का हिस्सा थी। ये पहला मौका नहीं है, जब राजधानी में अनावेदक और बदमाश खुद थाने पहुंचकर अगले छह महीने या तीन साल तक अपराध न करने का वादा पुलिस से कर रहे हैं।
पिछले साल करीब 1100 लोगों से ऐसे बॉन्ड भरवाए गए थे। हालांकि भोपाल में कमिश्नर सिस्टम के तहत ऐसा पहली बार हो रहा है। अब तक बॉन्ड शर्तों का उल्लंघन करने पर बदमाश को जेल भेजने के अधिकार संबंधित स्ष्ठरू को होते थे, जो अब ्रष्टक्क को मिल गए हैं।
ऐसे समझें बॉन्ड ओवर
एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बदमाशों या अनावेदकों का बॉन्ड भरवाने के अधिकार हैं। इसमें आदतन बदमाश और अनावेदकों से मुचलका भरवाया जाता है। बॉन्ड भरने की अगली तय समय सीमा तक उक्त व्यक्ति को कोई अपराध न करने का लिखित वादा करना होता है। जानकार मानते हैं कि बदमाशों पर नियंत्रण का ये बेहद कारगर तरीका होता है। पहले इसमें पुलिस और प्रशासन को साथ मिलकर कार्रवाई करनी पड़ती थी। धारा 122 के तहत भी कार्रवाई करने में पुलिस को आसानी होगी। अधिकार मिलने से पहले पुलिस बॉन्ड तो भरवा लेती थी, लेकिन इसका उल्लंघन करने पर मुचलका राशि जब्त कर उन्हें जेल नहीं भेज पाते थे।
अपराध किया तो जाना पड़ सकता है जेल
धारा 107-116 में अधिकतम एक साल और 110 में अधिकतम तीन साल तक का बांड भरवाया जा सकता है। यदि बदमाश ने बांड भरने के 15वें दिन अपराध किया तो मुचलका राशि जब्त कर ली जाती है। यदि वह मुचलका नहीं भर पाता है तो साढ़े पांच महीने के लिए उसे जेल भेजने का प्रावधान है।
सक्रिय अपराधियों की बनेगी सूची
एक साल से सक्रिय अपराधियों की भी सूची बनाई जा रही है। ये आंकड़ा 5 हजार तक पहुंच सकता है। इसके बाद उन्हें थाने आकर रोजाना हाजिरी देनी होगी। पुलिस के रजिस्टर में अपने हाथ से अपना नाम-पता और नंबर लिखना होगा। आरोपियों को लाल, हरे और पीले रंगे के टोकन भी दिए जाएंगे।