Highlights

बाबा पंडित

पुष्य नक्षत्र 18 अक्टूबर -19 अक्टूबर 2022

  • 15 Oct 2022

ज्योतिष शास्त्र में सभी नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा माना जाता है. पुष्य का शाब्दिक अर्थ है पोषण करना या पोषण करने वाला. ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को ऊर्जा-शक्ति प्रदान करने वाला नक्षत्र कहा गया है. पुष्य नक्षत्र को सौभाग्य, समृद्धि और सुख के साथ पोषण करने वाला माना जाता है.
ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों के चक्र में पुष्य आठवां नक्षत्र होता है। इसे नक्षत्रों का राजा कहा गया है। इस नक्षत्र के देवता बृहस्पति और स्वामी शनि हैं। दीवाली से पहले पुष्य नक्षत्र का आना बहुत शुभ माना जाता है। इसमें किया गया कोई भी कार्य फलदायी होता है। वार के साथ पुष्य नक्षत्र का संयोग होने से गुरु पुष्य, रवि पुष्य, शनि पुष्य, बुध पुष्य जैसे महायोगों का निर्माण होता है, जिनमें खरीदारी करने का विशेष महत्व माना गया है।
मंगलवार को पुष्य नक्षत्र होने से वर्धमान नाम का शुभ योग इस दिन रहेगा। साथ ही सिद्ध और साध्य नाम के 2 अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेंगे।
कब से कब तक है पुष्य नक्षत्र  2022 
पुष्य नक्षत्र 18 अक्टूबर 2022 दिन मंगलवार को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजकर 30 मिनट से शुरू होने वाला है. इस बार यह नक्षत्र पूरे दिन और पूरी रात रहेगा. यह 19 अक्टूबर को सुबह 7 बजकर 11 मिनट तक रहेगा.
पुष्य नक्षत्र प्रारंभ: 18 अक्टूबर को सुबह ब्रहृम मुहूर्त में 04: 30 AM
पुष्य नक्षत्र समाप्त: 19 अक्टूबर को सुबह 07:11 AM
इस दिन बन रहा है यह शुभ योग
18 अक्टूबर को यानी पुष्य नक्षत्र में सूर्य, और शुक्र दोनों प्रमुख ग्रह तुला राशि में विराजमान होकर कई शुभ योग बनायेंगे. जहां अक्टूबर में बुध और सूर्य मिलकर कन्या राशि में बुधादित्य योग का निर्माण किया है. बुधादित्य योग व्यक्ति को अपार भाग्य प्रदान करता है. इसके प्रभाव से व्यक्ति का भाग्योदय होता है. वहीं 18 अक्टूबर सूर्य और शुक्र तुला राशि में एक साथ विराजमान होकर सभी को शुभ लाभ प्रदान करेंगे.
क्या खरीदें पुष्य नक्षत्र में 
खरीदी के महामुहूर्त पुष्य नक्षत्र में सोना-चांदी के आभूषण, भूमि, संपत्ति, वाहन, भोग विलास की वस्तुएं आदि खरीदना अत्यंत शुभ होता है। 
इस नक्षत्र में नया व्यापार व्यवसाय प्रारंभ किया जा सकता है।
प्रॉपर्टी के सौदे करना अत्यंत लाभदायक होता है। 
इससे संपत्ति में वृद्धि होने लगती है।
पुष्य नक्षत्र में श्रीसूक्त के 108 पाठ करने से जीवन के आर्थिक संकटों का नाश होता है और सुख-सौभाग्य प्राप्त होता है।
वैवाहिक जीवन में सामंजस्य और खुशहाली के लिए पुष्य नक्षत्र में शिव परिवार का विधि-विधान से पूजन करें।
 विवाह में बाधा आ रही है तो पुष्य नक्षत्र में बृहस्पति देव के निमित्त कन्याओं को बेसन के लड्डू का वितरण करें।
पंडित डॉ. मनीष शर्मा 
www.future123.com